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स्वास्थ्य से खिलवाड़

locationरायपुरPublished: Jul 31, 2018 08:25:08 pm

Submitted by:

Gulal Verma

दूषित पानी पीने से बिलासपुर जिले के मस्तूरी के समीप मल्हार स्थित जवाहर नवोदय विद्यलय के 43 बच्चों के बीमार

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स्वास्थ्य से खिलवाड़

दर्दनाक! दूषित पानी पीने से बिलासपुर जिले के मस्तूरी के समीप मल्हार स्थित जवाहर नवोदय विद्यलय के 43 बच्चों के बीमार होने और इनमें से 14 बच्चों की हालत गंभीर होने की खबर बेहद चिंताजनक है। दूषित पानी पीने से डायरिया होता है। शासन-प्रशासन के जिम्मेदारों से यह उम्मीद की जाती है कि वे पीने के लिए शुद्ध पानी उपलब्ध कराए। इसलिए शासन-प्रशासन में अलग विभाग और अधिकारी-कर्मचारी होते हैं। बावजूद इसके हर साल बरसात के मौसम में डायरिया का कहर झेलना प्रदेशवासियों की नियति बन गया है। दूषित जल पीने से दर्राभाठा में भी डायरिया के 160 मरीज मिलने से स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लग गया है।
यह स्थिति लोगों को सोचने के लिए मजबूर करती है कि क्या क्षेत्र के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों और नौकरशाहों को जनता के स्वास्थ्य की चिंता है? आखिर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग होता किस लिए है? क्या लीकेज पाइप-लाइनें, डेमेज सम्पवेल की तत्काल मरम्मत और पानी टंकियों की समय-समय पर साफ-सफाई नहीं करानी चाहिए? क्या पानी टंकी में क्लोरिन नहीं डालना चाहिए? मल्हार व दर्राभाठा ही नहीं, बल्कि प्रदेश के सैकड़ों गांवों, कस्बों, शहरों और वनांचल के लोग भी बरसात में दूषित पानी पीने को मजबूर हैं।
चुनाव के पूर्व राजनीतिक दल और जनप्रतिनिधि शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का वादा-दावा करते हैं। इन जनप्रतिनिधियों को नलों से निकलता गंदा पानी, गटर में डूबी पाइप-लाइनें, बजबजाती नालियां, कचरे व गंदगी से सराबोर टंकियांं देखनी चाहिए। यह काम प्रदेश के सभी नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों के पदाधिकारियों को करना होगा। नवोदय विद्यालय के टंकी के पानी की जांच के लिए पीएचइ ने सैंपल लिया है तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है। ‘सिर से पानी निकलने के बाद ही प्रशासन की नींद टूटती है।Ó ऐसी स्थिति हर वर्ष निर्मित होती हैं, लेकिन उनका गंभीरता से हल तलाशने की कोशिश अब तक नहीं की गई। आज पेयजल व्यवस्था की स्थिति सुधारने के लिए मरहम-पट्टी की जरूरत नहीं है। जरूरत एक बड़ी ‘शुद्ध पेयजल क्रांतिÓ लाने की है। स्वच्छता, स्वास्थ्य व शुद्ध पेयजल को लेकर प्रदेशवासियों की निश्चिंत होना अत्यंत जरूरी है।
बहरहाल, प्रदेशभर में गंदा पानी कहीं भी सप्लाई हो रहा हो, उसका त्वरित निदान होना चाहिए। नौकरशाहों के भरोसे ही रहने से न गंदे पानी से, न बीमारियों से और न ही गंदगी से मुक्ति मिलेगी। इसके लिए जनता को भी जागरूक होना होगा और जनप्रतिनिधियों को जगाना भी होगा। दूषित पानी से प्रदेश में न किसी नागरिक की मौत होनी चाहिए और न ही कोई भी व्यक्ति अस्वस्थ होना चाहिए।
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