scriptनाले में फेंक रहे मरे मवेशी, मांस मिलने से कुत्ते हो रहे आक्रामक, बच्चों ने घर से निकलना बंद किया | Dead cattle thrown in the drain, dogs getting aggressive due to meat, | Patrika News

नाले में फेंक रहे मरे मवेशी, मांस मिलने से कुत्ते हो रहे आक्रामक, बच्चों ने घर से निकलना बंद किया

locationरायपुरPublished: Feb 09, 2020 08:28:16 pm

Submitted by:

sarita dubey

गोकुल नगर के मवेशी पालक मरे पशुओं को नाले में बहा रहे, मैदान में छोड़ रहे

नाले में फेंक रहे मरे मवेशी, मांस मिलने से कुत्ते हो रहे आक्रामक, बच्चों ने घर से निकलना बंद किया

नाले में फेंक रहे मरे मवेशी, मांस मिलने से कुत्ते हो रहे आक्रामक, बच्चों ने घर से निकलना बंद किया


रायपुर। गोकुल नगर के मवेशी पालक अपने मरे हुए मवेशियों को खुले मैदान और नाले में डाल रहे हैं। इलाके में संक्रमण बढऩे के साथ ही कुत्तों को मांस आसानी से मिल रहा है। इससे गोकुल नगर के आसपास के इलाके में कुत्तों की संख्या बढ़ रही है और कुत्ते आक्रामक भी हो रहे है। 5 दिन पहले ही 13 साल की दामिनी को आवारा कुत्ते ने बुरी तरह से काटा है। 2 दिन पहले ही 6 साल के बच्चे को कुत्ते खींच कर ले जा रहे थे,लोगों ने उसे बचाया। इलाके में कुत्तों का आतंक इतना बढ़ गया है कि अब बच्चों ने घर से निकलना बंद कर दिया है। यहां तक कि घर के पास स्कूल बस तक जाने के लिए और दुकान जाने से भी बच्चे डर रहे है। इलाके में बच्चों को अकेला पाकर कुत्ते झुड़ के साथ पहुंचते है और हमला करते है।
तीन सालों से बढ़ी समस्या
गोकुल नगर में 4 साल पहले शहर की 100 से अधिक डेयरियां शिफ्ट हुई थी। उसके बाद ही कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ी है अब वहां लोगों का रहना मुहाल हो रहा है। पिछले एक माह में 20 से द्यादा लोगों को कुत्ते ने काटा है। गोकुल नगर में आवारा कुत्तों की यह समस्या कई सालों से है। इलाके में आने जाने वाले लोगों पर झपटने के साथ ही बच्चों पर हमला कर घायल हो रहे लोगों ने कई बार निगम में भी शिकायत की लेकिन आज कर कोई हल नहीं निकल पाया।

बधियाकरण प्रोजेक्ट नियमित नहीं चलता

नगर निगम की डॉग केचर टीम शहर के आवारा कुत्तों को पकडकऱ बाहर छोड़ती है। इसके अलावा कुत्तों का बधियाकरण प्रोजेक्ट भी निगम द्वारा नियमित नहीं चलाया जाता। निगम द्वारा एक बार में 2 हजार कुत्तों के बधियाकरण के लिए टेण्डर दिया जाता है और दूसरा टेण्डर करने में 3 से 4 माह लगते है और वर्क आर्डर जारी करने में 4 माह गुजर जाते है इस कारण कुत्तों का बधियाकरण नियमित नहीं हो पाता।
डॉग कैचर की टीम जाती है और कुत्तों को पकड़ा जाता है। गोकुल नगर में संचालित डेयरियों के मालिकों को भी लगातार बढ़ रहे कुत्तों से होने वाली परेशानी को समझना होगा। मरे हुए मवेशियों को खुले में न छोड़े न नाले में डाले, क्योंकि इससे संक्रमण बढ़ता है। डॉग कैचर टीम कुत्तों को पकड़ती है।
पुलक भट्टाचार्य, उपायुक्त नगर निगम रायपुर।
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गोकुल नगर नहीं पूरे शहर की यह समस्या

जानकारों का कहना है कि राजधानी में लगातार कुत्तों की आबादी बढ़ रही है। शहर में जगह-जगह खुली मांस की दुकानों के कारण भी कुत्ते खूंखार हो रहे है और लोगों खास कर बच्चों को अपना शिकार बना रहे हैं। राजधानी में अभी तक 60 से अधिक लोगों को आवारा कुत्ते ने काटा है। यदि समय रहते कुत्तों की आबादी पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किया गया तो और गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
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