स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट बताती है कि नवंबर में 31 प्रतिशत मौतों की वजह देरी से मरीजों का अस्पताल पहुंचना रहा है। मुख्य सचिव आरपी मंडल ने खुद इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए स्वास्थ्य विभाग और सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया था कि मरीजों की जल्द से जल्द पहचान कर इलाज मुहैया कराएं।
उधर, यह भी पूरी तरह से स्पष्ट है कि मरने वालों में सर्वाधिक संख्या 50 से 70 साल के लोगों की है। ये हाई रिस्क में माने गए हैं क्योंकि इनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और वे आसानी से कोरोना के शिकार बन जाते हैं। इसके बाद गर्भवती महिलाएं और बच्चे।