मां के साथ बिताए गए पलों को याद करते हुए दीप्ति कहती हैं कि प्रकृति से प्यार करने की जरूरत और फायदे की सीख मुझे मां से मिलती है। दादी के साथ रिश्तों को लेकर कहा कि मैंने बचपन के दिनों की उन चीजों को सही तरीके से अपने दादी के साथ ही बिताया है जहां बचपन का नाम सुनते ही आपको अपने उन नादानी की याद आती है।
अनुभवों का निचोड़ इस पुस्तक में उन्होंने अपने अनुभवों का निचोड़ रखा जिसमें ऐसी बातों को शामिल किया जिससे सीख लेकर जिंदगी के संघर्षों से सामना किया जा सकता है। खुद की पहचान स्थापित कर सकते हैं। दीप्ती ने जीवन के अलग-अलग पहलुओं का जिक्र किया जिसमें संगीत, सिनेमा, किताब,पेंटिंग, फोटोग्राफी शामिल है।