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कर्मचारी नेताओं ने बताया कि सबसे पहले राजस्थान सरकार ने अपने कर्मचारियों को केंद्र के समान डीए देने की घोषणा की है। इसके बाद उत्तरप्रदेश, हरियाणा और छत्तीसगढ़ के साथ गठित झारखंड राज्य ने भी इसकी घोषणा कर दी है। पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भाजपा सरकार से केंद्र के समान डीए देने की मांग उठाई है। जबकि ठीक इसके विपरीत छत्तीसगढ़ सरकार अपने कर्मचारियों को इंतजार करवा रही है।300 करोड़ का नुकसान
केंद्र सरकार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर डीए पुनरीक्षित करता है। इसके आधार पर राज्य सरकारें भी अपने कर्मचारियों के डीए में वृद्धि करती है, लेकिन प्रदेश के कर्मचारियों का डीए जनवरी 2019 के बाद से नहीं बढ़ा है। इससे कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। कर्मचारी नेताओं का दावा है कि सरकार की अनदेखी से प्रदेशभर के कर्मचारियों को लगभग 300 करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
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होगी वादा निभाओ आंदोलन की शुरुआत
छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन 8 अगस्त को राजधानी में न्याय सभा करेगी। इसके तहत अगस्त क्रांति दिवस के पूर्व संध्या पर फेडरेशन से संबद्ध संगठनों के प्रांताध्यक्ष, महामंत्री, संभाग प्रभारी, संभाग संयोजक एवं जिला संयोजक राजधानी स्थित बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर वादा निभाओ प्रतीकात्मक आंदोलन करेंगे।