scriptमंदिर-देवालयों में नहीं गूंज रहे भक्ति गीत | Devotional songs are not resonating in temple-temples | Patrika News

मंदिर-देवालयों में नहीं गूंज रहे भक्ति गीत

locationरायपुरPublished: Apr 14, 2021 06:34:48 pm

Submitted by:

dharmendra ghidode

कोरोना के चलते मंदिरों की सजावट के साथ-साथ रौनक-उत्साह भी कम
 

मंदिर-देवालयों में नहीं गूंज रहे भक्ति गीत

मंदिर-देवालयों में नहीं गूंज रहे भक्ति गीत

कसडोल. बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिलेभर में सम्पूर्ण लॉकडाउन 10 दिनों का लगा है। इसी बीच मंगलवार से चैत्र नवरात्र का आगाज हुआ। जहां इस बार कसडोल के मंदिर-देवालयों में भक्ति गीत नहीं गूंज रहे। जिले सहित कसडोल के प्रसिद्ध मंदिर महामाया, बगदेवी, शीतला, समलाई और चंडी मंदिर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित मंदिरों में ज्योति और घृत कलश की स्थापना की गई है।
मंदिर के पुजारियों ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष बहुत कम ज्योतिकलश प्रज्ज्वलित की गई है। कसडोल नगर के बगदेवी मंदिर में इस वर्ष 5 घृत और 35 ज्योतिकलश प्रज्ज्वलित हैं। इसके अलावा नगर के ही चंडी मंदिर में 30 ज्योतिकलश प्रज्ज्वलित हैं।
महामाया मंदिर के दिनेश्वर राव पवार ने बताया कि इस वर्ष कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण मंदिरों में भक्तों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित किया है। पिछले वर्ष यहां 300 ज्योतिकलश प्रज्ज्वलित की गई थी। लेकिन इस वर्ष लॉकडाउन के कारण भक्त घरों से कम निकल रहें हैं, जिसके कारण अभी तक ज्योतिकलश की संख्या काफी कम है। राव ने कहा कि सदस्यों द्वारा रशीद काटी जा रही है जो देर शाम तक ज्योतिकलश की संख्या का अनुमान लगाया जा सकेगा।
उल्लेखनीय है कि आज सम्पूर्ण लॉक डाउन का तीसरा दिन है और नवरात्रि पर्व का पहला दिन है। लेकिन मंदिरों की सजावट के साथ-साथ रौनक तथा उत्साह भी देखने को नही मिला रहा हैए जिलेभर में सम्पूर्ण लॉकडाउन होने के कारण लोगों का घर से निकलना बंद है। वहीं मंदिरों में पुजारी तथा मंदिर समिति के कुछ ही सदस्यों द्वारा पूजा अर्चना करने की तैयारियां की गई है।


माता दरबार में ज्योति प्रज्ज्वलित
सेल . चैत्र नवरात्रि पर यहां के महामाया दाई के दरबार में आस्था के ज्योति प्रज्ज्वलित की गई है। भक्तों ने अपनी मनोकामना के लिए कोरोना कॉल कोविड-19 में नियमों का पालन करते हुए सामाजिक दूरी बनाते हुए देवी मंदिरों में घटस्थापना की गई है और महामाया दाई के मंदिर में जवारा बोया गया हैं। अगले 9 दिनों से गांव में भक्तिमय माहौल बना रहेगा। इस बार चैत्र नवरात्रि में न जसगीत न रात्रिकालीन कार्यक्रम होंगे।

ट्रेंडिंग वीडियो