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dhan kharidi : धान की एमएसपी पर CM भूपेश का केंद्र पर हमला , कहा- यूपीए के 9 साल में 134% बढ़ी एमएसपी, भाजपा में सिर्फ 55%

locationरायपुरPublished: Feb 08, 2023 12:22:10 pm

Submitted by:

Shiv Singh

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव २०२३ की तैयारियों के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupeshbaghel) ने धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार में यूपीए सरकार की तुलना में काफी कम वृद्धि की गई जबकि यूपीए सरकार में किसानों का अधिक भला हुआ है।

dhan kharidi  : धान की एमएसपी पर CM भूपेश का केंद्र पर हमला यूपीए के 9 साल में 134% बढ़ी एमएसपी, भाजपा में सिर्फ 55%

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रायपुर. धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupeshbaghel) ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने यूपीए और भाजपा सरकार में एमएसपी की तुलना करते हुए भाजपा को किसान विरोधी बताया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि यूपीए के 9 साल में एमएसपी 134 फीसदी बढ़ी है।
वहीं भाजपा के नौ साल में एमएसपी में सिर्फ 55 फीसदी का इजाफा हुआ है। सीएम ने अपने ट्वीट में लिखा है, आंकड़े भाजपा की किसान विरोधी नीयत को दिखाते हैं। यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान वित्तीय वर्ष 2004-05 से 2013-14 के दौरान 9 वर्षों में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 560 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1310 प्रति क्विंटल किया गया। यह वृद्धि लगभग 134 प्रतिशत होती है।
दूसरी ओर भाजपा की केन्द्र सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2022-23 तक 9 वर्षों में धान के समर्थन मूल्य में सिर्फ 730 रुपए की वृद्धि कर 2 हजार 40 प्रति क्विंटल (सिर्फ 55 प्रतिशत) वृद्धि, निर्धारित किया गया, जिससे भाजपा के कथित रूप से किसान हितैषी होने का दावा खोखला सिद्ध हो जाता है। मुख्यमंत्री ने यूपीए और भाजपा शासनकाल में एमएसपी में हुई वृद्धि का चार्ट भी साझा किया है।
साव का जवाब-जनता के सामने कांग्रेस नहीं रखती सही आंकड़े

सीएम के ट्वीट के जवाब में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा, कांग्रेस हमेशा से भ्रामक राजनीति करती रही है। वह कभी सही आंकड़े जनता के सामने नहीं रखती। उन्होंने सीएम को चुनौती देते हुए कहा, जैसे उन्होंने 2004 से अब तक के एमएसपी की जानकारी साझा की। वैसे ही वर्ष 2004 से 2014 तक हुए खरीदी के भुगतान और भाजपा ने वर्ष 2014 से अब तक कितना भुगतान किया, इस राशि को जारी करें। इससे दूध का दूध पानी का पानी साफ जो जाएगा कि कौन किसान हितैषी है।
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