मध्यभारत विधान सभा
ग्वालियर, इन्दौर और मालवा रियासतों को मिलाकर मई 1948 में की गई थी। ग्वालियर राज्य के सबसे बड़े होने के कारण वहां के तत्कालीन शासक जीवाजी राव सिंधिया को मध्यभारत का आजीवन राज प्रमुख एवं ग्वालियर के मुख्यमंत्री लीलाधर जोशी को प्रथम मुख्यमंत्री बनाया गया।
विन्ध्य प्रदेश विधानसभा
4 अप्रैल 1948 को विन्ध्यप्रदेश की स्थापना हुई और इसे ब श्रेणी के राज्य का दर्जा दिया गया। सन् 1952 के आम चुनाव में यहां की विधानसभा के लिए 60 सदस्य चुनें गए, जिसके अध्यक्ष श्री शिवानन्द थे। 1 मार्च 1952 से यह राज्य उप राज्यपाल का प्रदेश बना दिया गया। पं. शंभूनाथ शुक्ल उसके मुख्यमंत्री बनें।
भोपाल विधानसभा
प्रथम आम चुनाव के पूर्व तक भोपाल राज्य केन्द्र शासन के अंतर्गत मुख्य आयुक्त द्वारा शासित होता रहा। इसमें कुल 30 विधानसभा थी। भोपाल राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. शंकरदयाल शर्मा एवं इस विधानसभा के अध्यक्ष सुल्तान मोहम्मद खां एवं उपाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण अग्रवाल थे।