रात हो चुकी है, खूद को आईसोलेट रखें, गुरुवार सुबह स्वास्थ्य टीम आपको लेने पहुंचेगी। सीएमएचओ कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि डॉक्टर ने कहा- जब भर्ती होना होगा, मैं खुद बुला लूंगा। लापरवाही की हद तो यह थी कि डॉक्टर गुरुवार सुबह राउंड लेने अस्पताल पहुंच गया। उन्होंने खुद यहां के स्टाफ को बताया कि वह पॉजिटिव हैं। जिसके बाद हड़कंप मच गया।
डॉक्टर के पॉजिटिव होने की जानकारी सीएमएचओ कार्यालय से राज्य कोरोना कोर कमेटी को दी गई, ताकि कांटेक्ट ट्रेसिंग की जा सके। इस दौरान इन बातों का खुलासा हुआ। सर्जरी विभाग के वे सभी डॉक्टर, नर्स और अन्य स्टाफ दहशत हैं जो पॉजिटिव डॉक्टर के संपर्क में आए थे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब डॉक्टर ही नियम नहीं तोड़ेंगे तो आम लोग से क्या अपेक्षा की जा सकती है? हालांकि यहां यह भी स्पष्ट कर दें कि यह राज्य में किसी डॉक्टर द्वारा लापरवाही बरतने का पहला मामला है। जानकारी यह भी है कि कुछ दिनों पहले एक निजी होटल में उनकी बहन की शादी हुई थी। इस होटल के काफी स्टाफ पॉजिटिव पाए जा चुके हैं।
किसकी अनुमति से करवाई जांच-
सवाल उठ रहे हैं कि आखिर डॉक्टर ने किसकी अनुमति से जांच करवाई? आखिर सूचना अपनी विभागाध्यक्ष को क्यों नहीं दी? जबकि ये मेडिकल प्रोटोकॉल का पार्ट है। इस लापरवाही के बाद अधीक्षक डॉ. विनीत जैन डॉक्टर पर जमकर बरसे। उन्हें फटकार भी लगाई। आंबेडकर अस्पताल का ये डॉक्टर, आंबेडकर अस्पताल के कोविड१९ वार्ड में भर्ती होने के बजाए एम्स में जाकर भर्ती हुए हैं।
स्पष्ट निर्देश हैं कि अगर किसी भी स्टाफ की सैंपलिंग हुई है तो वह विभागाध्यक्ष को सूचना देकर क्वारंटाइन होगा। अगर, किसी भी डॉक्टर ने नियम तोड़ा है तो यह गलत है।
-डॉ. विष्णु दत्त, डीन, पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर