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डीकेएस में छुट्टी के दिन इमरजेंसी में पहुंचे डॉक्टर, सर्जरी कर बचाई जान

locationरायपुरPublished: Oct 08, 2019 11:19:36 am

Submitted by:

abhishek rai

रविवार देर रात अचानक तबियत खराब होने लगी। सुबह होते-होते हालत काफी गंभीर हो गई। अस्पताल प्रबंधन ने तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. संदीप अग्रवाल और डॉ. सुरेश सिंह को सूचित किया।

डीकेएस में छुट्टी के दिन इमरजेंसी में पहुंचे डॉक्टर, सर्जरी कर बचाई जान

डीकेएस में छुट्टी के दिन इमरजेंसी में पहुंचे डॉक्टर, सर्जरी कर बचाई जान

रायपुर. राजधानी के देवरी निवासी ६० वर्षीय जगन्नाथ वर्मा की रविवार देर रात अचानक तबियत खराब हो गई। सोमवार को नवमी के अवसर पर सिर्फ २ घंटे के लिए ओपीडी खुली थी। लेकिन, मरीज को तड़पता देखकर दाऊ कल्याणसिंह सुपरस्पेशलिटी (डीकेएस) अस्पताल प्रबंधन ने तुरंत डॉक्टरों को बुला सर्जरी कराकर जान बचा ली। दरअसल, मामला यह है कि जगन्नाथ वर्मा को काफी दिनों से ***** कैंसर और हार्ट की बीमारी थी। दो साल पहले उन्होंने ***** कैंसर की सर्जरी एक हॉस्पिटल में कराई थी। सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन करीब तीन माह पहले बीमारी फिर से उभर आई। शनिवार वह डीकेएस में इलाज के लिए पहुंचे। डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती कर दशहरे के बाद सर्जरी करने की योजना बनाई। रविवार देर रात अचानक तबियत खराब होने लगी। सुबह होते-होते हालत काफी गंभीर हो गई। अस्पताल प्रबंधन ने तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. संदीप अग्रवाल और डॉ. सुरेश सिंह को सूचित किया। छुट्टी होने के बावजूद दोनों डॉक्टरों ने बिना समय गंवाए अस्पताल पहुंचकर सर्जरी की तैयारी पूरी की। सुबह करीब ८.३० बजे सर्जरी शुरू हुई। करीब २ घंटे चली सर्जरी के बाद डॉक्टरों ने मरीज की जान बचा ली।
निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने कर दिया था मना
डीकेएस के उप अधीक्षक डॉ. हेमंत शर्मा ने बताया कि जगन्नाथ निजी अस्पतालों में भी इलाज के लिए पहुंचे थे। वहां जांच के बाद डॉक्टरों ने सर्जरी करने से मना कर दिया था। ***** कैंसर की वजह से यूरिन नली में सूजन हो गया था, जिससे बूंद-बूंद यूरिन हो रहा था। अचानक रविवार रात यूरिन होना बंद हो गया। यदि सर्जरी नहीं होती तो किडनी डैमेज, ब्रेन हैमरेज या हार्ट फेल हो सकता था, जिससे जान जा सकती थी।
आयुष्मान से मुफ्त हुआ इलाज
डीकेएस में जगन्नाथ का आयुष्मान योजना के तहत सर्जरी की गई। यदि उसने यह सर्जरी निजी अस्पतालों में कराई होती तो करीब एक लाख रुपए खर्च करने पड़ते। जगन्नाथ के परिजनों ने बताया कि निजी अस्पतालों में इलाज के बाद उनके पास एक फुटी कौड़ी नहीं बची थी।
बिना सूचना के ११ कर्मचारी नदारद
छुट्टी होने के बावजूद सुबह १० से १२ बजे तक डीकेएस की ओपीडी खुली हुई थी। इस दौरान उप-अधीक्षक हेमंत शर्मा ने नर्सिंग इंचार्ज के साथ पूरे अस्पताल का निरीक्षण किया तो ११ कर्मचारी बिना सूचना के गायब मिले। इसमें स्टॉफ नर्स, कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं प्रोग्रामर शामिल हैं। उप-अधीक्षक शर्मा ने बताया कि सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
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