हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने प्रीमैच्योर शिशुओं को जन्म देने वाली 376 महिलाओं पर अध्ययन के बाद यह दावा किया है। उन्होंने पाया कि मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड, डीएचए और ईपीए जैसे पोषक तत्व भारी मात्रा में मौजूद होते हैं।
गर्भावस्था के शुरुआती छह महीनों में शरीर में ये तत्व प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होने पर समय पूर्व प्रसव का खतरा दस गुना तक घट जाता है। मुख्य शोधकर्ता डॉक्टर जर्दर ओलसन ने गर्भवती महिलाओं को हफ्ते में कम से कम तीन बार मछली का सेवन करने की सलाह दी है।
वहीं, जो महिलाएं मांसाहार से परहेज करती हैं, उनके लिए फिश-ऑयल सप्लीमेंट लेना फायदेमंद साबित हो सकता है। अध्ययन के नतीजे ‘जर्नल ऑफ मेडिसिन’ के हालिया अंक में प्रकाशित किए गए हैं।