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शहर गंदा, सफाई के नाम पर एक करोड़ की ‘सफाई’

locationरायपुरPublished: Nov 17, 2016 07:40:00 pm

Submitted by:

Ashish vajpayee

पुराने वाहनों से ही चल रहा काम, नए के चक्के जाम

City dirty, cleaning one million in the name of

City dirty, cleaning one million in the name of

स्वच्छ भारत मिशन के तहत बांसवाड़ा नगरपरिषद् के अधिकारी व जनप्रतिनिधि शहर से गंदगी का दाग तो नहीं हटा पाए, लेकिन मिशन के तहत प्राप्त राशि का जमकर चूना लगा रहे हैं। गंदगी की बजाय मिशन के दिशा-निर्देश जरूर रद्दी में डाल रहे हैं। न तो यहां सामुदायिक शौचालय बन पाए हैं और ना ही ठोस कचरा प्रबंधन पर कार्य हुआ। अलबत्ता कागजों में सफाई दर्शाकर स्वच्छता मद में प्राप्त एक करोड़ से अधिक की राशि की सफाई जरूर कर ली गई है।
शहर में जहां कचरा नहीं, वहां कचरा पात्र

नगर परिषद सफाई के प्रति कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जहां पर सबसे अधिक कचरा जमा होता है, वहां पर कचरा पात्र नहीं रखे और जहां कचरा फेंका नहीं जाता, वहां पर कचरा पात्र रख दिए हैं। अभी करीब 100 कचरा पात्र तैयार किए हैं, वहीं इससे पूर्व करीब 9 लाख रुपए की लागत से भी कचरा पात्र खरीदे गए थे, जिनका उपयोग नहीं हो पाया।
बनाने थे आठ, एक भी नहीं बना

स्वच्छ भारत मिशन के तहत बांसवाड़ा शहर में दो लाख 77 हजार रुपए की लागत के आठ सामुदायिक शौचालय बनने हैं, लेकिन अभी तक नहीं बने। इसी तरह ठोस कचरा प्रबंधन के लिए करीब 50 लाख रुपए का बजट मिला, लेकिन ठोस कचरा प्रबंधन तो दूर रहा, ठोस कार्ययोजना तक नहीं बनी।
फिर क्यों? 57 लाख की चपत

एक तरफ परिषद के अधिकारी व जनप्रतिनिध आर्थिक तंगहाली के गीत गा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ दिन पूर्व खरीदे 57 लाख रुपए के लिफ्टर वाहनों को भंगार होने छोड़ रखा है। शहर के विभिन्न वार्डों में कचरा उठाने के लिए लिफ्टर वाहन खरीदे, लेकिन अभी कचरा ट्रेक्टरों में ही लादा जा रहा है। परिषद अधिकारियों का तर्क है कि इन्हें चलाने के लिए पर्याप्त चालक नहीं है, तो सवाल यह कि वाहन खरीदे ही क्यूं?।
अभी ट्रैक्टर ही काम में

नगर परिषद की ओर से करोड़ रुपए खर्च कर नए संसाधनों की खरीदी के बाद भी अभी भी पुराने संसाधनों को उपयोग कचरा ढोने में किया जा रहा है। सुबह से ही ये ट्रैक्टर पूरे शहर में घूम-घूमकर कचरा इक्टट्ठा कर डंपिंग यार्ड पर फेंकने जाते हैं। इस दौरान इन पर लदा कचरा सड़कों पर उड़कर सड़कों पर गंदगी फैलाता है।
बांसवाड़ा नगर परिषद की कार्यशैली ने खड़े किए सवाल

:- 286.28 लाख रुपए
का बजट प्राप्त

:- 111.68 लाख
रुपए कर दिए खर्च


कुल वार्ड – 45
बांसवाड़ा में कुल 45 वार्ड हैं। जिनमें साफ-सफाई के नाम पर मिला था बजट।
कचरापात्र खरीदे -200
शहर के सभी वार्ड में सफाई व्यवस्था के लिए दो प्रकार के 200 कचरा पात्रों की खरीदी की गई।

डंपिंग यार्ड – 12
शहर में विभिन्न वार्ड से निकलने वाले कचरे को डंप करने के लिए कई स्थानों पर 12 यार्ड हैं।
इनका कहना है…


नगर परिषद् बांसवाड़ा के कार्यवाहक आयुक्त प्रभुलाल भापोर ने बताया कि शहर की बसावट के अनुसार अभी भी संसाधन कम पड़ रहे हैं एवं कम से कम दो और लिफ्टर खरीदने की जरूरत है। इसके चलते ट्रैक्टरों से भी कचरा उठवाया जा रहा है।

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