सरकारी डॉक्टर ने खुद को किया कमरे में बंद, पत्नी-बच्चों से नहीं मिल रहे, बोले- 14 दिन बाद निकलूंगा
- कोरोना को हराने की एक पहल ऐसी भी...-
- ये कोरोना का डर नहीं बल्कि परिवार, समाज और देश को वायरस से बचाने की जिद है
- यूरोप में डॉक्टर कांफे्रंस में गए थे डॉ. आंबेडकर अस्पताल के दो सीनियर डॉक्टर-प्रोफेसर

रायपुर.'मुझे पता है यह बीमारी कितनी खतरनाक है, इसलिए रास्ते से ही मैंने पत्नी को फोन कर कहा कि वह एक कमरा खाली कर दे, जिसमें लेट-बॉथ अटैच है। साबून, कपड़े समेत अन्य जरूरी सामान रख दे। बच्चों को समझा दें कि पापा को छूना नहीं है। कोई भी घर आए तो यह कह दे कि डॉक्टर साब... घर में नहीं है। मैं अब 14 दिनों के बाद ही कमरे से निकलूंगा।
'पत्रिकाÓ से ये बातें यूरोप में डॉक्टरों की एक कॉंफे्रंस में शामिल होकर मंगलवार को रायपुर पहुंचे डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल के सीनियर डॉक्टर-प्रोफेसर ने कहीं। उन्होंने हमें बताया- 'मैं अपने साथी डॉक्टर के साथ यूरोप से रविवार को दिल्ली उतरा तो, वहां थर्मल स्क्रीनिंग की गई। हम दोनों स्वस्थ पाए गए। इसके बावजूद हमें दिल्ली में 24 घंटे कवारंटाइन में रखा गया। मंगलवार को हम स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर उतरे, जहां तैनात स्वास्थ्य विभाग की टीम ने फिर से हमारी जांच की। सैंपल लिए गए। कहा गया कि आपको होम आइसोलेशन में रहना होगा। मैं कमरे में बंद हूं।
'पत्रिकाÓ के जवाब के जवाब में डॉक्टर ने कहा- अभी कमरे में टीवी नहीं लगवाई है, क्योंकि यूरोप की थकान है। बुधवार का पूरा दिन सोने में ही गुजर गया। एक दीवार की आड़ है, फिर भी पत्नी-बच्चों से नहीं मिल सकता। ऐसे वक्त पर फोन काम आ रहा है। बिल्कुल, जैसा फिल्मों में देखते हैं कि बंदियों को दरवाजे के नीचे से थाली दी जाती है, वैसे ही मैं मांग रहा हूं। जैसे-जैसे दिन गुजरेंगे, तो ही बता पाऊंगा कि चार दिवारी में कैसा महसूस कर रहा हूं...।
डॉक्टर के मुताबिक विदेश से लौटाने वाले क्या करें?-
कुछ भी न छिपाएं- अगर आप विदेश यात्रा कर लौटे हैं तो अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर आपकी जांच तय है। आप स्वस्थ हैं, तो भी आपको 24 घंटे तक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वाले शहर में 24 घंटे क्वारंटाइन में रखा जाएगा, जैसा मुझे दिल्ली में रखा गया। उसके बाद रायपुर आने की अनुमति मिली। मैं स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर उतरा, यहां तैनात स्वास्थ्य विभाग की टीम को पूरी जानकारी दी। कुछ भी नहीं छिपाया, आप भी न छिपाएं।
स्वास्थ्य टीम का विरोध न करें- स्वास्थ्य अमला हमारी सुरक्षा के लिए ही हर जगह मौजूद है। आपकी ट्रेवल हिस्ट्री के आधार पर डॉक्टर 14 दिनों तक सरकारी क्वारंटाइन सेंटर में रहने को कहते हैं, तो रहें। अगर होम आईसोलेशन में रहने कहा जाता है तो पूरा सावधानी बरतें।भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में न जाएं- भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में हरगिज न जाएं। मॉस्क लगाकर रहें। परिजनों से कहें कि वे जनहित के इस कार्य में सहयोग करें।
डॉक्टर बोले, और सख्ती बरतने की जरुरत है- यूरोप से लौटे डॉक्टर ने यह भी कहा कि अभी भी हमारे यहां पर व्यवस्था बहुत ज्यादा टाइट नहीं दिखती। लोग एक जगह पर उठ-बैठ रहे हैं। इन्हें और ज्यादा समझाने की जरुरत है।
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