scriptसड्डू का कोरोना मरीज आइसोलेशन वार्ड में था भर्ती डॉक्टर-नर्स की लापरवाही ने इन्हें पहुंचा क्वारंटाइन में | Doctor-nurse negligence exposed in Ambedkar Hospital | Patrika News

सड्डू का कोरोना मरीज आइसोलेशन वार्ड में था भर्ती डॉक्टर-नर्स की लापरवाही ने इन्हें पहुंचा क्वारंटाइन में

locationरायपुरPublished: May 24, 2020 06:14:58 pm

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CG Desk

– अब हाई रिस्क में आंबेडकर अस्पताल, रोजाना 1400 लोग पहुंच रहे ओपीडी में। – नौ मेडिकल स्टाफ के लिए गए सैंपल भी।

सड्डू का कोरोना मरीज आइसोलेशन वार्ड में था भर्ती डॉक्टर-नर्स की लापरवाही ने इन्हें पहुंचा क्वारंटाइन में

सड्डू का कोरोना मरीज आइसोलेशन वार्ड में था भर्ती डॉक्टर-नर्स की लापरवाही ने इन्हें पहुंचा क्वारंटाइन में

रायपुर . डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल के डॉक्टर, नर्स और स्टाफ इन दिनों डरे हुए हैं। इसकी वजह है सड्डू का कोरोना संक्रमित मरीज, जो संक्रमित होने के 24 घंटे और 48 घंटे पहले अस्पताल में मौजूद था। दरअसल, वह 19 मई को अपनी पत्नी को लेकर अस्पताल पहुंचा था और 20 मई को खुद की जांच करवाने। जहां उसे संदिग्ध मानते हुआ आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करवाया गया। 21 मई को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो हड़कंप मच गया। कांटेक्ट टेस्टिंग में आइसोलेशन वार्ड के तीन डॉक्टर समेत नौ स्टाफ को क्वारंटाइन करवा दिया गया है। इनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।
पत्रिका टीम शनिवार को जब अस्पताल पहुंची तो इसका खुलासा हुआ। जानकारी मिली की 20 मई को संक्रमित मरीज सांस में तकलीफ और कफ की शिकायत लेकर मेडिसीन ओपीडी में पहुंचा था। डॉक्टरों ने उसे कोविड-19 क्लीनिक में सैंपल देने के लिए भेजा। उसके बाद स्थिति को देखते हुए उसे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर लिया गया। मगर, जहां के डॉक्टर, नर्स और अन्य स्टाफ ने लापरवाही बरती। बगैर पीपीई किट के संक्रमित मरीज का इलाज किया। इसके संपर्क में आने वाले तीन डॉक्टर को निमोरा, एक नर्स को माना और दो को आंबेडकर अस्पताल में, तीन वार्ड व्बॉय और एक सफाई कर्मी को क्वारंटाइन करवाया गया है। अभी इन सभी कोरोना जांच रिपोर्ट आनी शेष है। बाहर से आने वालों की किसी भी प्रकार की पहचान और जांच न होने से ये अस्पताल के स्टॉफ के लिए बड़ा खतरा बन गए हैं। बीते दिनों मध्यप्रदेश का एक मरीज सीधे सीटी स्कैन करवाने जा पहुंचा था। इन घटनाओं के बाद स्टाफ दहशत में है।
पत्नी को स्त्रीरोग विभाग में लगा इंजेक्शन
संक्रमित मरीज 19 मई को अपनी पत्नी को लेकर स्त्रीरोग विभाग में पहुंचा था, मगर उसे गेट पर ही रोक दिया गया था। पत्नी को नर्स ने इंजेक्शन लगाया। ऐसे में स्त्रीरोग विभाग के स्टाफ को क्वारंटाइन करने की आवश्यकता है तो संक्रमित की पत्नी के संपर्क में आए थे। हालांकि पत्नी और बच्चे की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट नहीं आई है।
मरीज जांच करवाने आ रहा है। परिजनों को जांच करवाने ला रहा है और वह संक्रमित है, यह पहचान करना मुश्किल है। सड्डू वाले मामले में भी यही हुआ। अभी स्टाफ की रिपोर्ट नहीं आई है।
शुभ्रा सिंह ठाकुर, पीआरओ, डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल
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