गौरतलब है कि रविवार, छुट्टी के दिन सूरजपुर जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. रोहित पटेल (एमडी मेडिसिन) की सेवा समाप्ति का आदेश निकाल दिया गया था। इसके साथ ही कई डॉक्टरों को नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद सीडा के विरोध के स्वर उग्र हो गए हैं। 13 विवाद में कई जिलों के मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। गौरतलब है कि सीडा में 956 डॉक्टर पंजीकृत हैं।अब कवर्धा में 17 डॉक्टरों पर नोटिसकवर्धा जिला चिकित्सालय व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ओपीडी का विरोध करने वाले 17 मेडिकल ऑफिसर को 24 घंटे में काम पर लौटने का नोटिस थमा दे दिया है।
इनकी सूची संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं को भेज दी गई है। इसमें मेडिकल ऑफिसर डॉ. केशव ध्रुव, डॉ. आदेश बागड़े, डॉ. धर्मेद्र कुमार, डॉ. स्वदेश कुमार, डॉ. हीना अहमद, डॉ. विनोद चंद्रवंशी, डॉ.गौरव सिंह परिहार, डॉ.नवनीत सिंह ठाकुर, बोड़ला से डॉ.योगेश साहू, झलमला से डॉ. सिवेश मानिकपुरी, डॉ. प्रेमलाल रात्रे, पंडरिया से डॉ.जितेन्द्र कुमार वर्मा, डॉ. लालचंद धु्रव, डॉ. केशव कुमार जायसवाल, सहसपुर लोहारा से डॉ. प्रदीप कुमार, पुरुषोत्तम बांगडे और डॉ. पुष्पातरूण खरसन के नाम शामिल हैं। वहीं कार्रवाई के डर से दो मेडिकल ऑफिसर डॉ. हीना अहमद और सहसपुर लोहारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की डॉ. पुष्पातरूण खरसन काम पर लौट आईं।
सीडा अध्यक्ष ने कार्रवाई को बताया प्रशासनिक आतंकवाद-
सीडा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. इकबाल हुसैन का इस्तीफा सोमवार को सोशल मीडिया में वायरल हो गया। हालांकि यह उन्होंने ही पोस्ट किया था। उन्होंने इसमें सूरजपुर की कार्रवाई को प्रशासनिक आतंकवाद करार दिया। लिखा कि डॉक्टरों से बंधुआ मजदूरी करवा जा रही है। शाम की ओपीडी को तुगलकी फरमान बताया। ‘पत्रिकाÓ ने जब डॉ. इकबाल से बात की तो उन्होंने कहा कि हमारे साथी पर कार्रवाई हुई तो मैंने इस्तीफा लिखा। मगर सदस्यों ने कहा कि सभी सामूहिक इस्तीफा देंगे।
जिन्हें काम करना है वे कर रहे हैं, क्योंकि वे समझते हैं कि यह जनहित में लिया गया फैसला है। जिन्हें नहीं करना,वह उनकी मर्जी। काम नहीं करने वालों पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है।
नीरज बंसोड़, संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं