कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 8 हो गई थी। 6 मरीजों का एम्स, एक का राजनांदगांव और एक का बिलासपुर में इलाज चल रहा था। एम्स में 2 मरीजों के डिस्चार्ज होकर चले जाने से यह संख्या 4 हो गई है। मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के तहत ही इलाज किया गया है। कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के लिए अभी तक कोई देश दवा नहीं बना पाया है।
डॉक्टरों ने बताया कि उम्र के हिसाब से कोरोना पॉजिटिव मरीजों को क्लोरोक्विन फास्फेट, पैरासिटामॉल, सेटरीजिन, पनटोप्रॉजोल, डॉक्सीसीक्लीन की दवाएं दी जाती है। हर 2 घंटे में मरीज के शरीर के तापमान को देखा जाता है। शरीर के तापमान के हिसाब से ही दवाओं का डोज निर्धारित किया जाता है। मरीज के ठीक होना उसके इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) सिस्टम पर निर्भर करता है।
मरीजों के खानपान पर विशेष नजर
कोरोना पॉजिटिव मरीजों के खानपान के लिए तीन डायटिशियन नियुक्त हैं। डायटिशियन के कहे अनुसार ही मरीजों को खाना-पीना दिया जाता है। डॉक्टरों ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों को सुबह नाश्ते में क्या देना है, दोपहर भोजन में क्या देना है, शाम और रात को खाने में क्या-क्या देना है, उसका एक रूटीन चार्ट बनाया गया है। मरीजों को कौन सा फल या पेय पदार्थ देना है, यह भी डायटिशियन ही तय करते हैं।
कोरोना वायरस से मरीज कितना संक्रमित है और उसकी इम्युनिटी सिस्टम कितना मजबूत है, इलाज उसपर निर्भर करता है। यदि मरीज कम संक्रमित है तो वह जल्द ठीक हो जाता है।
डॉ. अजय बेहरा, नोडल अधिकारी(कोरोना वायरस), एम्स, रायपुर
कोरोना पॉजिटिव मरीजों की देखरेख में 24 घंटे डॉक्टर व कर्मचारी जुटे हुए हैं। तीन-तीन शिफ्ट में इनकी ड्यटी लगाई जा रही है। 500 मरीजों को भर्ती व इलाज करने के लिए एम्स प्रबंधन पूरी तरह से तैयार है।
डॉ. करन पीपरे, अधीक्षक, एम्स, रायपुर