रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में कमी,प्रदेश में नहीं मिल रहे डॉक्टर, चार राज्यों में शुरू हुई खोज
प्रोफेसर को मिलेगा 2.40 लाख रुपए तक वेतन, 85 पदों को भरने के लिए की जा रही कवायद

रायपुर. प्रदेश में डॉक्टरों की कमी पड़ गई है। जो हैं, तो वे सरकारी नौकरी नहीं करना चाहते या फिर चाहते हैं तो रायपुर और बिलासपुर जैसे बड़े शहरों में ही। यही वजह है कि मेडिकल कॉलेज प्रबंधकों को दूसरे राज्यों में जाकर डॉक्टर खोजने पड़ रहे हैं। इसके लिए वे मोटा वेतन भी देने तैयार हैं। स्व. लखीराम अग्रवाल मेमोरियल मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने 28-29 फरवरी को चेन्नई में इंटरव्यू किए। इसके बाद बेंगलूरु, भुवनेश्वर व हैदरावाद में इंटरव्यू रखे गए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक सरकार ने रायगढ़ में सुपरस्पेशलिटी सेवाएं विकसित करने के निर्देश दिए हैं। यह सारी कवायद इसी दिशा में हो रही है। कुल 85 पदों को भरा जाना है। अगर ये पद भर जाते हैं तो कॉलेज प्रबंधन और स्नात्कोत्तर (पीजी) सीटों के लिए आवेदन कर सकता है।
1 दिन में ही बढ़ा दिया 20 हजार रु. वेतन
24 फरवरी को कॉलेज प्रबंधन ने प्रोफेसर का वेतन 1.80 लाख रुपए निर्धारित कर विज्ञापन जारी किया था। मगर अगले ही दिन नया 20 हजार रुपए की बढ़ोत्तरी करते हुए नया विज्ञापन जारी कर दिया। प्रत्येक पद में 20 हजार रुपए बढ़ाए गए हैं।
प्रोफेसर के पदों पर सीधी भर्ती
राज्य सरकार ने पं. जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज को छोड़ सभी कॉलेजों को स्वशासी मद से ही प्रोफेसर के खाली पदों पर सीधे संविदा नियुक्ति दिए जाने का प्रावधान किया है। इस नियुक्ति का अधिकार डीन के पास सुरक्षित है। यही वजह है कि रायगढ़ में प्रोफेसर के सात, एसोसिएट प्रोफेसर के 12 पदों पर सीधी भर्ती हो रही है। ये पदोन्नती वाले पद हैं।
रायगढ़ मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. पीएम लूका ने बताया कि पूर्व में दूसरे राज्यों में इंटरव्यू के दौरान डॉक्टर मिले थे। अभी भी उम्मीद है कि डॉक्टर मिलेंगे और पद भरेंगे। इसलिए वेतन अधिक दिया जा रहा है। मेरे वेतन से भी अधिक है।
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