रायपुर

70 की उम्र में गरीबों के लिए पीएफ के 40 लाख रुपए कर दिए दान

गरीब व असहाय लोगों की मदद के लिए हम सभी के दिल में दया का भाव होता है और कई लोग उसे वक्त के मुताबिक जाहिर भी करते रहते हैं। रिटायरमेंट के बाद लोग बुढ़ापा के लिए पूंजी को बचाकर रखना चाहते हैं, ऐसे में रायपुर के रोहिणीपुरम निवासी 70 वर्षीय भारत लाल वर्मा ने जीवनभर की कमाई गरीबों के लिए स्वास्थ्य विभाग को दान कर मिसाल पेश किया है।

रायपुरJun 22, 2021 / 01:56 am

Dhal Singh

दान की राशि से डीकेएस अस्पताल के पीछे डोरमेट्री निर्माण के लिए हुआ भूमिपूजन। इनसेट में भारतलाल वर्मा।

रायपुर. जल संसाधन विभाग में एसडीओ के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद भारत लाल वर्मा ने अपने पीएफ से 40 लाख रुपए दान किए हैं, जो दिन-रात कड़ी मेहनत के बाद जमा किए थे। गरीबों के लिए भारत लाल वर्मा कुछ करना चाहते थे, हालांकि उम्र कि इस पड़ाव में वो क्या कर सकते हैं, ये बड़ा सवाल था। कोरोना काल में उन्होंने फैसला किया कि गरीबों के लिए वह कुछ करेंगे। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल को 40 लाख रुपए डोनेशन दिया।
बीमारी ने ली बेटी व बेटे की जान तो जरूरतमंदों के लिए खोले हाथ
भारत लाल वर्मा ने बताया कि रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले पेंशन से पत्नी गंगोत्री वर्मा के साथ जीवनयापन कर रहे हैं। उनकी एक बेटी व एक बेटा थे। 26 साल की उम्र में कैंसर की बीमारी से लड़ते हुए 2004 में बेटे राकेश वर्मा ने दम तोड़ दिया। बेटे को बचाने के लिए काफी प्र्रयास किए लेकिन सफल नही हुए। बेटे के गम को दिल में दबाकर किसी तरह उनका जीवन चल ही रहा था कि 2016 में गॉल ब्लेडर में स्टोन होने की वजह से 34 साल की उम्र में बेटी स्मृति ने भी साथ छोड़ दिया। जब बेटी-बेटा ही नही रहे तो पैसे किस काम के हैं। उन्होंने बताया कि पीएफ की राशि को ऐसे काम में लगाना चाहते थे, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित हों।
इस राशि से डीकेएस में बनेगी डोरमेट्री, हुआ भूमिपूजन
सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल ने बताया कि दान में मिली राशि से दूर-दराज से आने वाले मरीज के परिजनों के लिए भारत लाल वर्मा के बेटा और बेटी की याद में सर्वसुविधायुक्त डोरमेट्री बनाया जाएगा, जिसके 4-5 माह में तैयार होने की उम्मीद है। डीकेएस अस्पताल के पीछे इसके लिए भूमिपूजन भी कर दिया गया है, जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा। डॉ. मीरा बघेल ने बताया कि राजधानी में मरीज के परिजनों को ठहरने के लिए कहीं पर व्यवस्था नही है। अस्पताल में मरीज के भर्ती होने के बाद परिजन दिनभर इधर-उधर भटकते रहते हैं और रात में खुले आसमान के नीचे सो जाते हैं। डोरमेट्री बनने से मरीज व परिजनों को काफी राहत मिलेगी।
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