ऐसे आया आइडिया
हेमंत कहते हैं लोग समस्याओं पर चर्चा करते हैं मैं समाधान पर। हर दिक्कत का हल है। डिपेंड करता है कि आप कितना नया सोचते हैं और उसे इम्पलीमेंट कैसे करते हैं। लोग ऑर्गेनिक खाद और फल व सब्जियों की बात करते हैं। लेकिन यह कोई नहीं सोचता कि मच्छर भगाने के लिए यूज किए जा रहे क्वाइल या लिक्विड में कितना जहर है। अगर आप तीन से चार घंटे इस जहर के प्रभाव में रहेंगे तो हैल्थ में कैसे असर न पड़ेगा। कई घरों में बुजुर्ग अस्थमा से पीडि़त हैं। बच्चों की वजह से वे कुछ बोलते नहीं लेकिन उन्हें एंटी मॉस्किटो चीजों से तकलीफ तो होती है। इसलिए मैंने इसका इजाद किया है। हालांकि ये मेरा प्रयोग है। मैं कोई साइंटिस्ट तो नहीं लेकिन नेचर से करीबी के चलते इसका प्रभाव जरूर जानता हूं।
इन चीजों का इस्तेमाल
20 पिरामिड के हिसाब से 250 ग्राम गोबर, 100 नीम फल्ली, 50 ग्राम कच्चा दूध, 50 ग्राम गंधक, नीम का सूखा और कच्चा पत्ता दोनों 50 ग्राम। एक छोटा डिब्बा कपूर और 100 नारियल बूच। छोटा डिब्बा कपूर. मिक्सी में पत्तियों को पीस लें। इसके बाद सभी सामग्रियों को मिलाकर मनचाहा आकार दें। धूप में अच्छी तरह सुखा लें। जरूरत के हिसाब से जलाकर एंटी मॉस्किटो के तौर पर करें।ये है साइंटिफिक रीजन
पं. रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और पर्यावरणविद् शम्स परवेज ने बताया कि नीम की पत्तियों में ऐसे यौगिक पाए जाते हैं जो मच्छर को बर्दाश्त नहीं होते। लेकिन गोबर से मच्छर भगाने को कोई साइंटिफिक प्रूफ नहीं है। गोबर में लाखों की संख्या में बैक्टीरिया पाए जाते हैं।