scriptRTE घोटाले में लीपापोती, तीन जांच के बाद भी कार्रवाई पेंडिंग | Drape in RTE scam, action pending even after three investigations | Patrika News

RTE घोटाले में लीपापोती, तीन जांच के बाद भी कार्रवाई पेंडिंग

locationरायपुरPublished: Sep 05, 2021 05:01:59 pm

Submitted by:

CG Desk

– 76 लाख रुपए दूसरे स्कूलों के खाते में हुआ था ट्रांसफर.- आठ माह बाद भी केस में चर्चा करने से बच रहे अफसर.

rte_addmission_scam.jpg

rte_addmission_scam

रायपुर। शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत लाखों रुपए दूसरे खातों में ट्रांसफर करने वाले दोषी अधिकारी-कर्मचारी पर स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी अब तक ठोस कार्रवाई नहीं (Chhattisgarh RTE scam ) कर पाए है। विभागीय अधिकारियों ने मामलें में तीन अलग-अलग समिति से जांच करा ली। इस जांच के बाद भी केस अब तक पेंडिंग पड़ा हुआ है। मामले में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के अधिकारी वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश का इंतजार करने और उनके अनुसार कार्रवाई करने की बात कह रहे है।

सरकारी राशि निजी खातों में की गई थी ट्रांसफर
जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार स्कूल शिक्षा संचालक ने आरटीई की राशि निजी स्कूलों को जारी करने का निर्देश वर्ष 2021 में दिया था। इस निर्देश के बाद जिले स्तर पर समिति बनी और स्कूलों की राशि, खाता की जानकारी स्कूल शिक्षा संचालनालय को भेज दी गई। पैसा जारी हुआ, तो पता चला, कि रायपुर जिले में कुछ ऐसे स्कूलों व निजी खातों में 76 लाख रुपए चले गए, जिनको आरटीई की राशि नहीं देनी थी। इस मामलें का खुलासा होने के बाद खाता धारकों व स्कूल संचालकों से गुपचुप पैसा जमा करवाया गया, लेकिन विभागीय खीचातनी में मामला खुल गया। मामला खुलने के बाद तत्काल अधिकारियों के खिलाफ चार बार अलग-अलग समिति से जांच कराई गई, लेकिन अब तक मामले में स्कूल शिक्षा विभाग ने निर्णय जारी नहीं किया है।

अब तक इतनी हो चुकी है जांच

पहली जांच
पहली जांच संयुक्त संचालक एसके भारद्धाज ने की। उन्होंने पाया कि जिन लोगों के खाते में रकम भेजी गई थी, उनमें दो से सात साल से बंद स्कूल हैं। उन स्कूलों के खाते में भेजी गई। कुछ राशि निजी खातों में भी भेजा गया। जिन खातों में राशि गई, उनका नाम संयुक्त संचालक ने अपनी रिपोर्ट पर लिखकर संचालक को भेजा था।

दूसरी जांच
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय रायपुर की ओर से जांच करके रिपोर्ट संचालनालय की ओर भेजी गई। इसमें स्पष्ट बताया गया कि किस तरह जानबूझकर राशि दूसरों के खाते में अंतरित कराई गई है। यूको बैंक प्रबंधक की ओर से दी गई जानकारी में यह बात स्पष्ट हो चुकी है।

तीसरी जांच
तीसरी बार समग्र शिक्षा के संयुक्त संचालक संजीव श्रीवास्तव ने जांच की। उन्होंने रिपोर्ट दी है कि तत्कालीन अधिकारियों ने बगैर कोई नोटशीट के ही भुगतान कराया था।

हमने अपनी रिपोर्ट बनाकर वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दी थी। वहां से निर्देश मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
– अशोक नारायण बंजारा, जिला शिक्षा अधिकारी,रायपुर।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो