अजय शर्मा के पिता पूर्व में अपनी पड़ती भूमि में धान, अरहर, चना की खेती कर परिवार का भरण-पोषण करता था। इस खेती से परिवार का सामान्य पालन-पोषण ही संभव था और आर्थिक स्थिति में कोई वृद्धि नहीं हो रही थी। अजय शर्मा ने बीई की पढ़ाई के बाद कार रिपेयरिंग गैरेज खोलकर आमदनी का रास्ता बनाया। परन्तु इस व्यवसाय से भी आर्थिक स्थिति में मनचाहा सुधार नहीं हुआ, तो उन्होंने खेती करने का मन बनाया।
इसके बाद उन्होंने उद्यानिकी विभाग की योजना की जानकारी के बाद अपने 15 एकड़ के कृषि उद्यानिकी प्रक्षेत्र में मनरेगा योजनांतर्गत उद्यान विभाग के रोपणी पारागांव एवं मंदिर हसौद से नि:शुल्क मुनगा पौधे प्राप्त कर 10 हजार पौधे का रोपण किया गया। उक्त पौधों का उचित रखरखाव, सिंचाई, निंदाई, गुड़ाई खाद उर्वरक देने के पश्चात् वर्तमान में मुनगा पौधे लगभग 10 फ ीट उंचाई के हो गए है, जो कि फूल की अवस्था पर है।
इसी कड़ी में उद्यान विभाग द्वारा संचालित योजना के माध्यम से रोपित की जाने वाली फ सलों में मुनगा का स्थान विशेष है। इसको ध्यान में रखते हुए जिले के किसानों को मुनगा की खेती के लिए प्रेरित किया गया। इच्छुक किसानों को मनरेगा द्वारा उत्पादित मुनगा पौधों का नि:शुल्क वितरण उद्यान विभाग के रोपणियों में किया गया।