रेलवे अपनी दो गाड़ियों दुर्ग-नवतनवा और अजमेर एक्सप्रेस के पुराने कोच को बदलने का काम पूरा कर लिया है। नए एलएचबी कोच के साथ ये दोनों ट्रेनें 23 व 27 जनवरी को दुर्ग से चलेंगी। दावा यह है कि आधुनिक कोच लगने से एलएचबी कोच वाली ट्रेनें 160 से 180 किमी प्रति घंटा की स्पीड से चलाई जा सकती हैं। सारनाथ एक्सप्रेस, अमरकंटक ट्रेन को पहले से ही एलएचबी कोच किया जा चुका है।
रायपुर रेल मंडल की गाड़ी संख्या 18205-18206 दुर्ग से नवतनवा वाया फैजाबाद चलती है और गाड़ी संख्या 18207-18208 दुर्ग-अजमेर-दुर्ग एक्सप्रेस में एलएचबी कोच की सुविधा प्रदान की जा रही है । पारंपरिक कोचों के स्थान पर एलएचबी कोच लगाए गए हैं। चूंकि एलएचबी कोचों में साधारण कोचों की अपेक्षा अधिक बर्थ रहते है, जिसका फायदा यात्रियों को मिलेगा। नवतनवा में दो जनरेटर बोगी, दो सामान्य और 12 स्लीपर व तीन एसी थर्ड सहित दोनों ट्रेनें 21 कोच के साथ चलेगी।
दुर्घटना में नहीं पटलते ये कोच
– रेलवे प्रशासन का मानना है कि आधुनिक एलएचबी कोच लिंक हॉफमैन बुश कंपनी का डिजाइन है,पुरानी पारंपरिक कोच आईसीएफ कोच वाले हैं । – एलएचबी कोच दुर्घटना के समय पलटते नहीं है न ही एक-दूसरे पर चढते है इस कारण यह यात्रियों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं।
– एलएचबी कोच की अधिकतम सीमा 160 किलोमीटर प्रति घंटा से 180 किलोमीटर के बीच हो सकती है।
– यात्रा के दौरान यात्रियों को बहुत कम झटके महसूस होते हैं। – एलएचबी कोचों की ब्रेकिंग प्रणाली एक्सेल माउंटेन Disc ब्रेक पर आधारित होती है जिससे पहियों का घर्षण कम होता है।
– पुराने स्लीपर श्रेणी में अधिकतम 72 यात्रियों की जगह एलएचबी कोचों में 80 लोगों को बर्थ मिलेगी।
– इसी प्रकार एसी-3 में 64 के स्थान पर 72 एसी-2 में 46 के स्थान पर 52 लोग बैठ सकते हैं
– साधारण कोचों की बात करें तो जहां पहले 90 लोगों के बैठने की व्यवस्था थी, वहां अब 100 लोग आसानी से बैठ सकते हैं।