दूधाधारी मठ से निकलेगी बालाजी की पालकी
शहर के ऐतिहासिक रावणभाठा मैदान में भी जोरदार तैयारी की गई है। दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर दास भगवान श्रीराम का स्वर्ण मुकुट से अभिषेक कर महाआरती करेंगे। इसके बाद शाम 5.30 बजे भगवान बालाजी की पालकी निकलकर ऐतिहासिक रावणभाठा मैदान में पहुंचेंगे और रावण दहन, आतिशबाजी का नजारा देखने को मिलेगा।
दोपहर 12 बजे कालीबाड़ी में सिंदूर खेला
बंगाली कालीबाड़ी में दोपहर 12 मां दुर्गा को सिंदूर अर्पण कर सुहागिनें सिंदूर खेलकर मातारानी से सदासुहागन का आशीर्वाद लेंगे। इसके बाद प्रतिमा का विसर्जन होगा।
सोनपत्ती लेकर लौटेंगे घर
विजय का प्रतीक सोनपत्ती लेकर लोग घर लौटेंगे, उसे भेंटकर अपने बड़ों से आशीर्वाद लेंगे। ऐसी परंपरा है। आसपास के गांवों से लोग सभी दशहरा मैदानों में लेकर पहले से पहुंच जाते हैं।
इन जगहों पर मनेगा उत्सव
-शाम 7 बजे बीटीआई ग्राउंड शंकरनगर
– 6.30 बजे चौबे-समता कॉलोनी
– 6.30 बजे छत्तीसगढ़ नगर
– 7 बजे न्यू राजेंद्रनगर अमलीडीह
– 7 बजे कोटा-रामनगर
– 6.30 बजे सप्रेशाला मैदान
– 7 बजे बिरगांव दशहरा मैदान