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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में देश के पहले ई-लोक अदालत का उद्घाटन, कोरोना काल में एक ही दिन में 3956 मामलों का हुआ निपटारा

locationरायपुरPublished: Jul 11, 2020 06:54:09 pm

Submitted by:

bhemendra yadav

मुख्य न्यायाधीश पी.आर. रामचंद्र मेनन ने बिलासपुर में ई-लोक अदालत का किया उद्धाटन, बोले- नोवेल कोरोनावाइरस के दौर में ई-लोक अदालत का आयोजन एक ‘नोवेल आइडिया’

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में देश के पहले ई-लोक अदालत का उद्घाटन, कोरोना काल में एक ही दिन में 3956 मामलों का हुआ निपटारा

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में देश के पहले ई-लोक अदालत का उद्घाटन, कोरोना काल में एक ही दिन में 3956 मामलों का हुआ निपटारा

रायपुर. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पी.आर.रामचन्द्र मेनन ने आज देश के पहले ई-लोक अदालत का उद्घाटन करते हुए कहा कि नोवल कोरोना वायरस के इस कठिन दौर में न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का निराकरण करने और पक्षकारों को राहत पहुंचाने के लिये ई-लोक अदालत एक नोबेल विचार और नोबेल पहल है.

देशभर में सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इसे देखा गया
छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा आज आयोजित ई-लोक अदालत का उद्घाटन छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जजों के कान्फेंस रूम में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मेनन ने किया. राज्य के 23 जिलों के सभी न्यायालय, पक्षकार, अधिवक्ता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन समारोह से जुड़े. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी देशभर में इसे देखा गया.

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मेनन ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के चलते किये गये लाॅकडाउन में सार्वजनिक विभाग ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं. न्याय व्यवस्था भी इससे प्रभावित हुई है. अधिवक्ता और पक्षकार भी कठिन दौर से गुजर रहे हैं. लाॅकडाउन के दौरान न्यायालयों की गतिविधियां ठप्प पड़ गई हैं.

5212 से 3956 मामलों का निपटारा
इसके कारण हमारे द्वारा ग्रीष्मकालीन अवकाश को रद्द करने का निर्णय लिया गया. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में 5212 से अधिक केस फाईल किये गये. हाईकोर्ट में 3956 मामलों का निपटारा किया गया. निराकृत मामलों में बड़ी संख्या में ऐसे मामले हैं, जिनकी सुनवाई पिछले 5 सालों से ज्यादा समय से चल रही थी.

वर्ष 2020 में 8736 मामलों में दिया गया फैसला
जिला और निचली अदालतों में भी उनकी आधारभूत संरचनाओं के मान से अच्छा काम हुआ. उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में अकेले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में 45 हजार से अधिक मामले फाईल किये गय और 39 हजार से अधिक मामलों का निराकरण किया गया. वर्ष 2020 में कोरोना महामारी का दौर शुरू होने से पहले जनवरी से लेकर मार्च तक 10 हजार 639 मामले दायर किये गये, जिनमें से 8 हजार 736 मामलों में फैसला दिया गया.

ई-लोक अदालत एक प्रयास
जस्टिस मेनन ने कहा कि ई-लोक अदालत प्रदेश भर में लगाई जा रही है. यह महत्वपूर्ण है. लाॅकडाउन के कारण सभी गतिविधियों प्रभावित हुई हैं, इससे न्यायिक क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा है. ऐसी स्थिति में ई-लोक अदालत एक प्रयास है कि हम मुकदमे से जुड़े लोगों की तकलीफों को कम कर सकें.

वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुकदमों का निपटारा
अध्यक्षीय उद्बोधन में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने कहा कि ये ऐतिहासिक मौका है जब वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेशभर की अदालतों में समझौते कर मुकदमों का निपटारा किया जा रहा है और इसके माध्यम से पक्षकारों को राहत पहुंचाने प्रयास किया जा रहा है. न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं, विधिक अधिकारियों का सहयोग तथा साथी जजों विशेषकर मुख्य न्यायाधीश के मार्गदर्शन के बिना इसका आयोजन संभव नहीं था. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष का भी ई-लोक अदालत में सहयोग के लिये आभार जताया.

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