उल्लेखनीय है कि राज्य शासन ने एक जून से प्रदेश भर में एक स्थान से दूसरे स्थान पर 50 हजार से अधिक का माल ट्रांसपोर्ट करने पर व्यापारियों को ई-वे बिल जनरेट कराना अनिवार्य कर दिया था। इस नियम का उल्लंघन करते पाए जाने सामान जब्ती के अलावा जुर्माना और सजा का भी प्रावधान किया गया था। इस नए नियम से जिले के व्यापारियोंं को परेशानी हो रही थी।
पिछले दिनों इसी सिलसिले में धमतरी चेम्बर ऑफ कॉमर्स की बैठक भी हुई थी, जिसमें व्यापारियों को होने वाली समस्याओं से प्रदेश चेम्बर आफ कामर्स के सदस्यों को अवगत कराया गया था, जिसके बाद चेम्बर नेताओं के एक प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री डॉ रमनसिंह समेत वाणिज्य कर मंत्री अमर अग्रवाल को भी ज्ञापन सौंपा था। विचार-विमर्श के बाद शासन ने अपनी शर्त के अनुसार 15 वस्तुओंं को छोड़कर शेष को ई-वे बिल के दायरे से बाहर कर दिया है।
क्या कहते हैं व्यवसायी
व्यवसायी राजू मुंजवानी, अरूण साहू का कहना है कि ई-वे बिल को लेकर राज्य शासन ने व्यापारियों को बड़ी राहत दी है। इससे लघु व्यवसायियों को जीवनदान मिल गया है। आगे भी सरकार को व्यापारियों के हित में फैसला लेना चाहिए।
प्रदेश सरकार ने व्यापारियों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। जिला चेम्बर ऑफ कामर्स सदैव व्यापारियों के हित के लिए संघर्ष करता आया है। यह व्यापारियों के लिए खुशी का बात है।
नरेन्द्र रोहरा, चेम्बर नेता
शासन के गाइड लाइन के अनुसार ही व्यापारियों को ई-वे बिल जनरेट करने के लिए कहा जा रहा है। जल्द ही दुबारा शिविर लगाकर लोगोंं को इसकी जानकारी दी जाएगी।
रामनरेश चौहान, सेल टैक्स अधिकारी