scriptकेले के पत्ते में भोजन, कब्ज, फोड़े-फंसी से बचाए | Eating in banana leaves, save from constipation, boils | Patrika News

केले के पत्ते में भोजन, कब्ज, फोड़े-फंसी से बचाए

locationरायपुरPublished: Aug 25, 2021 01:40:20 am

Submitted by:

ramendra singh

हेल्थ न्यूज : हजारों साल पुराना केले के पत्तों पर खाने का रिवाजपत्तेदार सब्जियों की तरह ही केले के पत्तों में होते हैं कई तरह के एंटीऑक्सीडेंटपेट से संबंधित बीमारियां जैसे कब्ज, अपच, गैस की समस्याएं दूर हो जाती हैं

केले के पत्ते में भोजन, कब्ज, फोड़े-फंसी से बचाए

केले के पत्ते में भोजन, कब्ज, फोड़े-फंसी से बचाए

रायपुर . कई दक्षिण भारतीय राज्यों में केले के पत्तों पर भोजन परोसना पारंपरिक रिवाज है। खासकर ओनम जैसे किसी त्यौहार पर केले के पत्तों पर रखकर ही भोजन का सेवन किया जाता है। मेहमानों को पत्ते के ऊपर के हिस्से में खाना परोसा दिया जाता है जबकि परिवार के सदस्य निचले भाग पर भोजन रखकर खाते हैं। केले के पत्ते की थाली में चावल, मीट, सब्जियां, दाल, करी और अचार सभी चीजें शामिल होती हैं क्योंकि यह पूरे भोजन को समायोजित करने के लिए पर्याप्त है। केले के पत्ते खाने का रिवाज हजारों साल पुराना है।


पत्तों से मिलते हैं खनिज

आयुर्रेविदक डॉ. शरद कुलकर्णी का कहना है कि केले के पत्ते प्लांट बेस्ड कंपाउंड्स यानी खनिजों से भरपूर होते हैं जिन्हें पॉलीफेनोल्स जैसे एपिगैलोकैटेचिन गैलेट, या ईजीसीजी कहा जाता है, जो ग्रीन टी में भी पाया जाता है। पॉलीफेनोल्स प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट हैं जो फ्री रेडिकल्स यानी मुक्त कणों से बचाव करते हैं और बीमारियों को रोकते हैं।
वहीं, अगर आप केले के पत्तों को डायरेक्ट खाते हैं तो इसे डाइजेस्ट नहीं कर सकते हैं लेकिन इसमें परोसे जाना वाला भोजन पत्तों से पॉलीफेनोल्स को अवशोषित करता है, जो आपके स्वस्थ्य को पोषण देता है। यह भी माना जाता है कि केले के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो भोजन के सभी कीटाणुओं को मारते हैं, जिससे आपके बीमार पडऩे की संभावना कम हो जाती है।

भोजन का स्वाद बेहतर हो जाता है

केले के पत्तों में एक मोम जैसा लेप होता है जो बहुत सूक्ष्म होता है और भोजन का स्वाद बढ़ाता है। जब गर्म भोजन को पत्तियों पर रखा जाता है, तो मोम पिघल जाता है और भोजन को अपना स्वाद देता है, जिससे इसका स्वाद बेहतर हो जाता है। अधिकांश लोग प्लास्टिक या स्टायरोफोम प्लेटों का उपयोग तब करते हैं जब उन्हें डिस्पोजेबल बर्तनों की आवश्यकता होती है, हालांकि केले के पत्ते अधिक पर्यावरण के अनुकूल विकल्प हैं।


स्वच्छ होते हैं केले के पत्ते


केले के पत्तों को बहुत अधिक सफाई की आवश्यकता नहीं होती है। उन्हें बस थोड़े से पानी ही साफ किया जा सकता है और थाली के रूप में तैयार हो जाते हैं। यदि आप ऐसी जगह पर भोजन कर रहे हैं जहां हाईजीन स्टैंडर्ड पर सवाल उठते हैं, तो उससे बेहतर केले के पत्तों में खाएं।

केमिकल फ्री और प्रैक्टिकल

चूंकि प्लेटों को साबुन और पानी से धोया जाता है, तो साबुन में मौजूद रसायनों के अंश प्लेटों पर रह सकते हैं, जो आपके भोजन को दूषित कर सकते हैं। केले के पत्तों को केवल थोड़े से पानी से धोना चाहिए, और साबुन से धोने की आवश्यकता नहीं है, इसलिए आपका भोजन केमिकल फ्री यानी रासायनिक मुक्त होगा। इसके अलावा केले का पत्ता काफी बड़ा होता है, जिसमें पूरा भोजन एक साथ परोसा जा सकता है। केले के पत्ते काफी हद तक वाटरप्रूफ होते हैं।
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