CGBSE Board Exam 2021: 10वीं-12वीं बोर्ड एग्जाम के लिए सेल्फ सेंटर रखेगा CGBSE
परिजनों के नाम संपत्ति
जांच में खुलासा हुआ कि अधिकांश अचल संपत्तियां रामानन्द दिव्य ने अपनी पत्नी प्रियदर्शिनी दिव्य के नाम से खरीदी गई थीं। भ्रष्टाचार के जरिए अर्जित की गई रकम को आरोपी अफसर द्वारा रकम को मनीलॉन्ड्रिंग के जरिए अपने खातों में जमा कराया। साथ ही चल-अचल संपत्तियां भी खरीदी। वहीं रिश्तेदारों के बैंको में नकद जमा कराकर उसे उपहार या असुरक्षित ऋण के रूप में अपने खातों में लाने के बाद फिर संपत्ति खरीदी गई।
इस तरह की हेराफेरी पकड़ी गई
ईडी के अधिकारी ने बताया कि 2.13 करोड़ रुपए का भुगतान संपत्तियों की खरीद के लिए नकद में किया गया। वहीं 66 लाख का भुगतान नकद में विभिन्न संपत्तियों के लिए पंजीकृत विक्रय विलेख में अतिरिक्त किया गया था। साथ ही संपत्तियों को फिर नया रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) द्वारा मुआवजा देकर अधिग्रहित किया गया। जांच के दौरान नकदी का आरोपी और उसके परिवार के सदस्यों के द्वारा कोई उचित स्रोत नहीं बताया गया। ईडी द्वारा पूरे मामले की जांच की जा रही है।