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निजी स्कूलों पर शिक्षा विभाग मेहरबान, जनप्रतिनिधियों के निर्देश के बाद भी नहीं कर रहा जांच

locationरायपुरPublished: Sep 11, 2020 10:11:13 pm

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CG Desk

– निजी स्कूलों के द्वारा छात्रों को क्लास से बाहर निकाले जाने के फरमान पर जनप्रतिनिधी हुए नाराज .
– स्कूलों की सख्ती के आगे पालक संघ भी हुए ठंडे .

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रायपुर। हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद निजी स्कूलों की मनमानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस लेने का निर्देश दिया है। ट्यूशन फीस की जगह निजी स्कूल पालकों से पूरी फीस ले रहे हैं और फीस में बढ़ोत्तरी कर रहे है। राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के निजी स्कूलों की शिकायत पालक और पालक संघ ने जिला शिक्षा अधिकारी, कलेक्टर, स्कूल शिक्षा सचिव, बाल आयोग, मंत्री समेत सीएम से की है। इन सभी जिम्मेदारों के पास शिकायत करने के बाद भी पालकों को इंसाफ नहीं मिला है। निजी स्कूलों ने गुरुवार को जिले सहित प्रदेश में बड़े पैमाने में छात्रों को ऑनलाइन क्लास से बाहर निकाला। सबकुछ जानने के बाद भी स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी मामलें में मौन स्वीकृति देकर निजी स्कूल प्रबंधन के हौसले बुलंद कर रहे हैं।
35 प्रतिशत छात्रों को किया बाहर
छत्तीसगढ़ प्रायवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में उनसे संबंधित स्कूलों में फीस जमा नहीं करने वाले और प्रबंधन से चर्चा नहीं करने वाले ३५ प्रतिशत छात्रों को बाहर किया गया है। गुरुवार को प्रदेश में बड़ी संख्या में शुल्क जमा करने का दावा छत्तीसगढ़ प्रायवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के द्वारा किया जा रहा है। एसोसिएशन के खिलाफ पालक संघ ने एफआईआर कराने का दावा गुरुवार को किया था। स्कूल प्रबंधन की सख्ती को देखते हुए पालक संघ भी प्रबंधन के सामने नर्म पड़ता दिखाई दे रहा है।
निजी स्कूलों के मनमानी से जनप्रतिनिधी भी नाराज
निजी स्कूलों की बढ़ती मनमानी को देखते हुए जिले के जनप्रतिनिधियों ने स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्कूलों की जांच कराने और नियमानुसार स्कूल संचालन करने पर फीस पालकों से मांगने का निर्देश जारी किया है। जो स्कूल नियमों का पालन नहीं करते, उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जनप्रतिनिधियों ने कहा है।
निजी स्कूलों की मनमानी की जांच करने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखा है। जो स्कूल नियमों का पालन नहीं कर रहे है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए, यह अनुशंसा की है।
विकास उपाध्याय, संसदीय सचिव, रायपुर।
विज्ञापन जारी करके छात्रों को ऑनलाइन क्लास से बाहर निकालना पूरी तरह से गलत है। निजी स्कूलों के जिम्मेदार शासन से चर्चा करें। चर्चा करके हर समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।
कुलदीप सिंह जुनेजा, विधायक, रायपुर।
जिन पालकों को निजी स्कूलों की मनमानी से दिक्कत हो रही है, वे पालक हमारे स्कूलों में बच्चों को आकर पढ़ाए। बच्च्चों के लिए शासकीय स्कूलों के द्वारा खुले है। हम ऑनलाइन स्कूल चला रहे है। इन स्कूलों में २२ लाख से ज्यादा लोग पढ़ रहे है। जो पालक हमारे स्कूलों को बुराई करते है, हम उनके हित में कुछ नहीं कर सकते। मामला कोर्ट में है, इसलिए निजी स्कूल और पालकों के बीच बिल्कुल नहीं पड़ेगे। पालक कोर्ट की शरण ले।
आलोक शुक्ला, सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग
छत्तीसगढ़ प्रायवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन से संबद्धता रखने वाले सभी स्कूल हाईकोर्ट के निर्देश का पालन कर रहे हैं। हम नियमों के मुताबिक काम कर रहे है। गुरुवार को बड़े पैमाने में फीस पालकों ने जमा किया है और शुल्क जमा करने का समय मांगा है। प्रबंधन से पालकों को समस्या है, तो वे सीधे बात करें। पालकों की समस्या का समाधान निकाला जाएगा।
राजीव गुप्ता, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ प्रायवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन
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