कोरोना काल में छात्रों को शिक्षित करने ई कंटेंट में शिक्षा विभाग ने खर्च किया करोड़ो
- प्रति वीडियो 500 रुपये शिक्षकों को कर रहे भुगतान .
- अब तक 24 हजार से ज्यादा वीडियो अपलोड करें विभाग ने .

रायपुर। कोरोना काल में प्रदेश के छात्र शिक्षित हो सके, इसलिए शिक्षा विभाग (education department) के अधिकारी लगातार प्रयास कर रहे है। कोरोना काल में छात्रों को उत्कृष्ठ शिक्षा देने में प्रदेश ने देश भर में अपना परचम लहराया है। प्रदेश के पढ़ई तुंहर दुआर पोर्टल (Padhai tuhar dwar portal) को देश भर में सराहना मिली है। पोर्टल में छात्रों को अच्छी शिक्षण सामग्री मिल सके, इसलिए शासकीय स्कूलों के शिक्षकों के अलावा प्रायवेट स्कूलों के शिक्षकों की मदद भी विभागीय अधिकारियों ने ली है। प्रायवेट स्कूल के शिक्षकों को मदद के बदले विभाग द्वारा भुगतान भी किया जा रहा है।
अब तक 24 हजार 789 पोर्टल अपलोड किए विभाग ने
प्रदेश के छात्रों को अपलोड करने के लिए स्कूल शिक्षा विभगा के अधिकारियों ने पोर्टल अब तक 24 हजार 789 वीडियेा अपलोड किए है। इन वीडियो का भुगतान विभाग ने प्रति वीडियो 500 रुपए दिया है। छात्रों को अच्छा कंटेंट मिल सके, इसलिए जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से शिक्षकों का चयन होता है और फिर उन्हें बीटीआई स्थित राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद कार्यालय में भेजा जाता है। यहां बने जुगाड़ स्टूडियों में शिक्षकों से वीडियो बनवाया जाता है और उसे पोर्टल में अपलोड किया जाता है।
संयुक्त संचालक को मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी
छात्रों को शिक्षित करने के लिए अपलोड किया जा रहा वीडियो उच्च क्वालिटी का है या नहीं? इस बात की निगरानी करने के लिए विभागीय अधिकारियों ने संयुक्त संचालक रैंक के अधिकारी को जिम्मेदारी दी है। संयुक्त संचालक शिक्षकों द्वारा बनाए गए वीडियों की जांच कमेटी से कराते है। कमेटी द्वारा वीडियो पास करने के बाद ही शिक्षकों को भुगतान किया जाता है। कमेटी जिन वीडियो को रिजेक्ट कर देती है, उन वीडियों को दुरुस्त करने या नया वीडियो को बनाने के लिए शिक्षकों को निर्देश दिया जाता है।
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