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शीर्ष माओवादी नेताओं के खिलाफ सीमित दायरे के प्रभावी अभियान को हरी झंडी

locationरायपुरPublished: Jan 22, 2020 01:27:40 am

केंद्रीय गृह मंत्रालय के सुरक्षा सलाहकार के. विजय कुमार और सीआरपीएफ डीजी माहेश्वरी ने अफसरों के साथ बनाई रणनीति, पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय के साथ चलेगा अभियान

शीर्ष माओवादी नेताओं के खिलाफ सीमित दायरे के प्रभावी अभियान को हरी झंडी

सीआरपीएफ के डीजी एपी माहेश्वरी ने मंगलवार को राजधानी में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की।

रायपुर. माओवाद प्रभावित बस्तर में राज्य पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के अभियान का तरीका बदलेगा। इसबार सुरक्षा बलों के निशाने पर पूरी मिलिशिया नहीं, शीर्ष माओवादी कमांडर होंगे। रणनीतिकारों को लगता है कि शीर्ष माओवादी नेताओं को काबू कर लेने से कमजोर पड़ चुका माओवादी आंदोलन खत्म हो जाएगा। इस अभियान के लिए सीमित दायरे के प्रभावी अभियान को हरी झंडी मिल गई है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार के. विजय कुमार और सीआरपीएफ के नवनियुक्त महानिदेशक एपी माहेश्वरी ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ दौरे में सुरक्षाबलों के अफसरों के साथ रणनीति के पहलुओं पर चर्चा की। बताया जा रहा है कि दोनों अधिकारियों ने माओवादी मोर्चे पर सुस्त नीति पर अफसरों की क्लास ली। खुफिया सूचनाओं के संग्रहण और विश्लेषण में सटीकता लाने को कहा। इस दौरान तय हुआ, शीर्ष माओवादी नेताओं को जिंदा पकडऩे या मार गिराने के उ²्ेश्य से सटीक अभियान चलेगा। उनकी घेरेबंदी के लिए पड़ोसी राज्यों से भी समन्वय होगा। अभियान का नेतृत्व राज्य पुलिस करेगी। छत्तीसगढ़ के बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा के साथ ही सीमा से सटे हुए महाराष्ट्र के गढ़चिरौली, ओडिशा के मलकानगिरी, तेंलगांना और आंध्रप्रदेश के वांरगल, खम्मम और गोदावरी नदी के किनारे वाले इलाके टारगेट में होंगे। इन इलाकों से माओवादियों का सफाया करने के लिए रणनीति बनाई गई है। उनके खिलाफ अभियान शुरू करने से पहले सारी तैयारी करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए है।
विकास कार्यो को प्राथमिकता
सीआरपीएफ डीजी और वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार ने फोर्स को अभियान चलाने के साथ ही विकास कार्यो को प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए है। उन्होंने स्थानीय लोगों का दिल जीतने के लिए उनसे मेलजोल बढ़ाने और विश्वास में लेकर माओवाद को समाप्त करने को कहा है। बैठक के दौरान सीआरपीएफ के अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय आदिवासियों को जरूरत के सामान वितरित किया जा रहा है। उन्हे जोडऩे के लिए विभिन्न खेलकूद और सांस्कृतिक आयोजन भी किए जा रहे हैं। माओवाद का असली चेहरा उजागर उनकी वास्तविकता को शार्ट फिल्मों और नुक्कड़ नाटकों के जरिए दिखाया जा रहा है।
सीआरपीएफ डीजी ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात
सीआरपीएफ के डीजी एपी माहेश्वरी ने मंगलवार को राजधानी में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने माओवादी मोर्चे की तैयारियों और केंद्रीय बलों की जरूरतों पर भी चर्चा की। बाद में सीआरपीएफ डीजी बीजापुर गए। वहां उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की और जवानों का हौसला बढ़ाया। के. विजय कुमार ने राजनांदगांव में अधिकारियों के साथ बैठक की। दोनों अधिकारी रात में भी मोर्चे पर ही रहे।
मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक 28 को
मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक 28 जनवरी को होगी। इसकी तैयारियों को लेकर मुख्य सचिव आरपी मण्डल ने मंगलवार को मंत्रालय में बैठक की। छत्तीसगढ़ सहित मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश व उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिवों का शामिल होना प्रस्तावित है। मण्डल ने इसकी तैयारियों के लिए अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू को नोडल अधिकारी बनाया है। बैठक में मुख्य सचिव ने अधिकारियों को सभी आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त अमिताभ जैन, प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग एवं वन मनोज कुमार पिंगवा, सचिव सामान्य प्रशासन डीडी सिंह, सचिव राजस्व रीता शांडिल्य सहित अन्य विभागों के अधिकारी एवं दक्षिण मध्य पूर्व रेल्वे के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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