कांग्रेस ने मतगणना की रणनीति पूरी तरह तैयार कर ली है। कांग्रेस ने फैसला लिया है कि वीवीपैट पर्ची और इवीएम मशीनों के वोटों में अंतर आने पर संबंधित विधानसभा क्षेत्र की सभी वीवीपैट मशीन की पर्र्ची की गिनती कराने के लिए दबाव बनाया जाएगा। इस स्थिति निर्मित होने पर पूरी मतगणना बैलेट पेपर की तर्ज पर होगी। यानी बैलेट पेपर की तरह वीपीपैट की पर्ची की अलग-अलग छंटाई कर उनका बंडल बनाया जाएगा। इसके आधार पर गिनती होगी।
जानकारों का कहना है कि इस प्रक्रिया के बाद नतीजे घोषित करने में रात दो से तीन बजे तक का समय लग सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वीवीपैट पर्ची प्रिंट होकर बाहर आएगी। इस स्थिति में मतदान रद्द होने की गुंजाइश बहुत कम होगी। जबकि बैलेट पेपर में मुहर के आधार पर बहुत से वोट खराब हो जाते थे।
रिटर्निंग अफसर की अनुमति अनिवार्य
चुनाव कार्य से जुड़े अफसरों का कहना है कि पूरे विधानसभा क्षेत्र में वीवीपैट पर्ची से गिनती की संभावना बहुत कम है। उनका कहना है कि पूरा मशीन से हुआ है। इस वजह से इवीएम और वीवीपैट पर्ची की गिनती में अंतर आने की संभावना बहुत कम है। अफसरों के मुताबित सभी बूथों में वीवीपैट की पर्ची से गिनती के लिए प्रत्याशियों को ठोस कारण बताते हुए रिटर्निंग अफिसर (आरओ) के सामने आवेदन देना होगा। आवेदन पर लिखे कारण से संतुष्ट होने पर ही आरओ इसकी अनुमति देगा, नहीं तो प्रत्याशियों के आवेदन खारिज हो जाएंगे।