केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण की वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया कि वर्ष 2020 और 2021 में बिजली घरों के 17 यूनिटों को बंद किया गया है। इनके बंद होने से 797.50 मेगावॉट बिजली का उत्पादन कम हुआ। इसमें सर्वाधिक तमिलनाडू, असम, गुजरात, छत्तीसगढ़ और त्रिपुरा के संयंत्र शामिल हैं। प्राधिकरण द्वारा बनाए गए 10वें प्लान से लेकर 12वें प्लान को आगामी चार साल में अमलीजामा पहनाया जाएगा। इसके मुताबिक कोल, लिग्नाइट, गैस और डीजल पर आधारित 233 संयंत्रों को बंद किया जाएगा। इन संयंत्रों के बंद होने से 16 हजार चार सौ मेगावॉट बिजली का कम उत्पादन होगा।
पांच हजार मिलियन यूनिट बिजली की कमी
बीते एक साल में पूरे देशभर में 12.75 लाख मिलियन यूनिट बिजली की डिमांड थी। जबकि आपूर्ति सिर्फ 12.70 लाख मिलियन यूनिट ही हो सकी। इसकी वजह से राजस्थान, यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ समेत अन्य प्रदेशों में बिजली डिमांड के मुकाबले कम सप्लाई हुई।
कोयला की कमी भी एक बड़ी वजह
केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के वार्षिक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। देश भर में 169 थर्मल पावर प्लांट संचालित हैं। इनको देश के अलग-अलग खानों से 55079 टन कोयले की आपूर्ति की गई। उसके बाद भी कोयले की कमी होने पर विदेशों से 45481 हजार टन कोयला मंगाया गया। कुल कोयले की खपत इन संयंत्रों में 615444 हजार टन की है जबकि आपूर्ति सिर्फ 596276 हजार टन कोयले की ही हो सकी है। डिमांड और आपूर्ति में करीब 19120 हजार टन कोयले की कमी बनी हुई है।
किस प्रदेश में बिजली की मांग और आपूर्ति पर एक नजर पिछले वर्ष में
प्रदेश मांग आपूर्ति कमी
राजस्थान 85311 85205 106
यूपी 124367 123383 984
बिहार 34171 34018 153
झारखंड 9953 9475 278
पश्चिम बंगाल 51644 51543 101
छत्तीसगढ़ 30472 30449 22
(सभी आंकड़े मिलियन यूनिट में)
बीते तीन वर्षों में सिर्फ 33 नए यूनिट ही मिले
प्राधिकरण की रिपोर्ट में बताया गया है कि बीते दो वर्षों में नए 33 यूनिट उत्पादन में आए जिनसे 10 हजार मिलियन यूनिट की बिजली सालाना मिली।
पीएलएफ पर पड़ रहा असर
सेक्टर टारगेट उत्पादन पीएलएफ
सेंट्रल 369543 363365.79 63.40
स्टेट 375900 290403.13 46.23
निजी 373908 263033.87 54.57
पांचों रीजन में बढ़ रहा बिजली डिमांड का दबाव
रिपोर्ट के मुताबिक देश के पांचों रीजन में बिजली डिमांड का जबरदस्त दबाव बढ़ रहा है। नॉर्थ, वेस्ट, साउथ, ईस्ट और नॉर्थ-ईस्ट रिजन में बिजली की डिमांड की तुलना में पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति नहीं हो पा रही है। पावर प्लांटों को समय पर मांग के अनुरूप कोयला नहीं मिल पा रहा है।
19 वें इलेक्ट्रिक सर्वे की रिपोर्ट ने भी चिंता बढ़ाई
19वें इलेक्ट्रिक सर्वे की रिपोर्ट ने भी केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल अभी एक साल में 12.75 लाख मिलियन यूनिट की मांंग आ रही है। जो तीन साल बाद 2025-26 तक 19.39 मिलियन यूनिट तक जा पहुंचेगी। सरकार 2030 तक उत्पादन क्षमता को 817 गीगावाट तक करने की दिशा में तैयारी शुरू कर चुकी है।
इन सेक्टर की बिजलीघरों के यूनिट को किया जाएगा बंद
प्लान कोल गैस डीजल कुल
10वां 9 02 00 11
11वां 38 11 05 54
12वां 49 07 09 65
13 वां 70 12 10 92