रायपुर

बिजली का बिल नहीं भरने पर उपभोक्ताओं का कनेक्शन काटने वाले विभाग ने पांच साल से नहीं भरा पानी का बिल

बिजली कंपनी एक महीने बिल जमा नहीं करने पर घरेलू उपभोक्ताओं के कनेक्शन काट देती है, उसने खुद ही पिछले पांच साल से पानी का बिल सिंचाई विभाग को नहीं दिया है

रायपुरMar 04, 2019 / 09:02 am

Deepak Sahu

बिजली का बिल नहीं भरने पर उपभोक्ताओं का कनेक्शन काटने वाले विभाग ने पांच साल से नहीं भरा पानी का बिल

आकाश श्रीवास्तव@कोरबा. जो बिजली कंपनी एक महीने बिल जमा नहीं करने पर घरेलू उपभोक्ताओं के कनेक्शन काट देती है, उसने खुद ही पिछले पांच साल से पानी का बिल सिंचाई विभाग को नहीं दिया है। समायोजन के बाद भी यह राशि चार हजार करोड़ रुपए से अधिक है।
इसे लेकर सिंचाई विभाग ने छत्तीसगढ़ विद्युत उत्पादन कंपनी के पूर्वी व पश्चिमी संयंत्र को पैसा जमा करने के लिए नोटिस जारी किया है। मिनीमाता बांगो बांध से इन दोनों संयंत्रों समेत 14 उद्योग दनादन पानी तो ले रहे हैं लेकिन उसका पैसा नहीं दे रहे हैं। जिले के उद्योग मिनीमाता बांगो बांध से अपनी जरूरत के हिसाब से पानी लेते हैं। इसके लिए दर्री डेम के समीप नहर बनाई गई है।
यहां से बिजली उत्पादन कंपनी की पूर्व सयंत्र, पश्चिम, पश्चिम विस्तार, डीएसपीएम, बाल्को, बाल्को विस्तार, एनटीपीसी, एसईसीएल के गेवरा, कुसमुंडा व कोरबा को भी पानी दिया जाता है। आंशिक रूप से इंडियन ऑयल व माचाडोली द्वारा भी पानी लिया जाता है।
सिंचाई विभाग ने वर्ष 2013-14 से लेकर अब तक उद्योगों द्वारा पानी के एवज में दी गयी राशि व बकाया का खुलासा किया है। इसके मुताबिक बकाया राशि अरबों में है। लगभग पांच हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि अब तक इन उद्योगों ने जमा नहीं किया है। हालांकि विभाग का कहना है कि इनकी राशि शासन स्तर पर समायोजित की जाती है।
लिहाजा यह मामला मुख्यालय स्तर का है। लेकिन समायोजित होने के बाद भी अब तक राशि बकाया है। सबसे अधिक बकाया रखने वाले संयंत्रों में विद्युत उत्पादन कंपनी की पूर्व संयंत्र, पश्चिम संयत्र, पश्चिम विस्तार, बाल्को संयंत्र भी शामिल है। वित्तीय वर्ष समाप्त होने वाला है। इसे देखते हुए विभाग ने फिलहाल पूर्व व पश्चिम संयंत्र को नोटिस जारी कर जल्द बकाया जमा करने के लिए कहा है।
 

उद्योगों को 10.50 रुपए प्रति एमक्यू देना होता है शुल्क : उद्योगों को 10.50 रुपए प्रति एमक्यू के हिसाब से शुल्क देना होता है। हालांकि इसे कम करने के लिए कई बार सरकार से मांग की गई है लेकिन कोई फैसला नहीं हुआ है। वहीं जनहित को देखते हुए नगर निगम को 50 पैसे प्रति एमक्यू की दर से बिल देना होता है।

कौन सा उद्योग कितना पानी लेता है
उद्योग पानी – (मिली घनमीटर)
छत्तीसगढ़ विद्युत उत्पादन कंपनी पूर्व – 56.90
छत्तीसगढ़ विद्युत उत्पादन कंपनी पश्चिम – 20.70
जल विद्युत गृह पश्चिम – 9.13
डीएसपीएम – 18.90
पश्चिम विस्तार – 0.49
एनटीपीसी दर्री – 79.92
एनटीपीसी सीपत – 108
बाल्को पुराना संयंत्र – 5.94
बाल्को विस्तार – 14.85
एसईसीएल कुसमुंडा – 1.49
एसईसीएल कोरबा – 0.96
एसईसीएल गेवरा – 1.26
इंडियन ऑयल – 0.08

बीते पांच साल में कुल बकाया
वर्ष – राशि करोड़ रुपए में
2013-14 – 487
2014-15 – 647
2015-16 – 791
2016-17 – 947
2017-18 – 1140
2018-19 – 1160

नोटिस जारी कर जल्द राशि जमा करने कहा है
सिंचाई विभाग के उपअभियंता नयन रंजन चौधरी ने बताया कि जितना बकाया है, उसमें से कुछ राशि पिछले पांच साल में समायोजित भी हुई है। फिर भी पांच हजार करोड़ रुपए से अधिक बकाया है। छत्तीसगढ़ विद्युत उत्पादन कंपनी के पूर्वी और पश्चिमी संयंत्र का बकाया सबसे अधिक है। इन दोनों के प्रबंधन को नोटिस जारी कर जल्द राशि जमा करने के लिए कहा गया है।

शासन स्तर पर निर्णय लिया जाएगा
छत्तीसगढ़ विद्युत उत्पादन कंपनी पश्चिम के मुख्य अभियंता राजेश वर्मा ने बताया कि काफी साल से मामला विवादित है। कई दौर की बात हो चुकी है। इनकी ओर से भेजे गए बिल को लेकर कई बार आपत्ति लगाई गई है। एक ही पानी का अलग-अलग बिल थमा देते हैं। दोनों सरकारी विभाग हैं, इसको लेकर शासन स्तर पर निर्णय लिया जाएगा।

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