मिली जानकारी के अनुसार रविवार को शाम 6 बजे बिलासपुर रेलवे स्टेशन से निकली मुंबई हावड़ा मेल हाथियों के एक झुंड से टकराने के कारण क्षतिग्रस्त हो गई। रात में हुए इस दुर्घटना में मौके पर ही पांचों हाथियों की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना में टे्रन का इंजन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि इससे यात्रियों को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।
ट्रेन नम्बर 12810 हावड़ा-मुंबई मेल ओडिशा के झरसुगुड़ा से आगे पहुंची थी। इसी दौरान बागडीह-धुतरा के बीच हाथियों का एक झुंड रेलवे ट्रेक पार कर रहा था। लोको पायलट एकाएक ट्रेन को नियंत्रित नहीं कर सका, और ट्रेन हाथियों के झुंड पर चढ़ गई। इस हादसे में चार हाथियों की मौके पर ही मौत हो गई। इनमें एक शावक भी शामिल था। इस हादसे में किसी यात्री को चोट आने की पुष्टि एसईसीआर और एससीआर ने नहीं की है। लेकिन दुर्घटना के बाद इंजन पूरी तरह डेमेज हो गया। घटना की सूचना मिलते ही बचाव दल मौके पर पहुंचा और दूसरे इंजन की व्यवस्था करके ट्रेन को हावड़ा के लिए रवाना किया गया। वहीं डेमेज इंजन को बिलासपुर लाया गया है।
इस हादसे के बाद रेल लाइन पर डेमेज इंजन व मृत हाथियों के पड़े रहने से अप और डाउन दिशा की लाइन कई घंटे तक रेल यातायात ठप रहा। हाथियों के शव को हटाने व क्षतिग्रस्त इंजन को लाने के बाद ट्रैक पर रेल यातायात शुरू हो सका।घंटों थमा रहा रेल यातायात:
-प्रकाश चंद्र त्रिपाठी, उप महाप्रबंधक सीनियर पीआरओ एसईसीआर
ट्रेन नम्बर 12810 हावड़ा-मुंबई मेल ओडिशा के झरसुगुड़ा से आगे पहुंची थी। इसी दौरान बागडीह-धुतरा के बीच हाथियों का एक झुंड रेलवे ट्रेक पार कर रहा था। लोको पायलट एकाएक ट्रेन को नियंत्रित नहीं कर सका, और ट्रेन हाथियों के झुंड पर चढ़ गई। इस हादसे में चार हाथियों की मौके पर ही मौत हो गई। इनमें एक शावक भी शामिल था।गाड़ियां समय से विलंब चली।
ये टे्रन हुई प्रभावित
दुर्घटना में इस रुट पर चलने वाली टे्रनें प्रभावित हुई है। जिसमें आजाद हिन्द, ज्ञानेश्वरी सुपर डीलक्स समेत अन्य टे्रनों का परिचालन प्रभावित हुआ है। सभी टे्रन अपनी निर्धारित समय से 3 से 4 घंटा विलंब से चली। इस दौरान यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
अंधेरे में नहीं दिखी टे्रन
जानकारों के अनुसार टे्रन अपनी रफ्तार से चल रही थी। तभी अचानक 5 हाथियों का झुंड पटरी के पास आ गया। हाथियों को अंधेरे में टे्रन दिखाई नहीं दी। साथ ही टे्रन की रफ्तार तेज होने के कारण पायलट भी हाथियों को नहीं देख पाया।
हाथियों का झूण्ड जब टे्रन के पास पहुंचा तभी पायलट ने हार्न बजाया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। ट्रेन की रफ्तार तेज होने के कारण इंजन भी क्षतिग्रस्त हो गया। जिसके कारण टे्रन आगे नहीं बढ़ पाई। पायलट ने तुरंत सक्ती स्टेशन मास्टर से संपर्क कर घटना की जानकारी दी। टे्रन को किसी तरह सक्ती रेलवे स्टेशन तक लेकर गए।