scriptमुंबई हावड़ा मेल से टकराए जब एक के बाद एक 5 हाथी, यात्रियों के लिए ऐसा खौफनाक था मंजर | Elephants Death In Train Accident in Raigarh Chhattisgarh | Patrika News

मुंबई हावड़ा मेल से टकराए जब एक के बाद एक 5 हाथी, यात्रियों के लिए ऐसा खौफनाक था मंजर

locationरायपुरPublished: Apr 17, 2018 01:43:50 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

इस घटना में टे्रन का इंजन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि इससे यात्रियों को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।

Elephants Death In Train Accident

बिलासपुर . छत्तीसगढ़ में हाथियों का दल यूँ तो आपको जंगलो में आसानी से दिख जाएगा। मगर इस बार ऐसा भयानक हादसा हुआ जिससे ट्रेन में बैठे यात्रियों की साँसे कुछ पल के लिए थम सी गयी थी। मुंबई हावड़ा मेल की चपेट में आने से 5 हाथियों की दर्दनाक मौत हो गई। वहीं टे्रन का इंजन क्षतिग्रस्त हो गया।यात्रियों को कोई नुकसान का सामना नहीं करना पड़ा। मगर सभी यात्रियों को इस हादसे ने डरा कर रख दिया। टे्रन को किसी तरह सक्ती स्टेशन के पास लाया। इस दौरान बाकी पांच गाड़ियां अपने समय से विलंब चली।

मिली जानकारी के अनुसार रविवार को शाम 6 बजे बिलासपुर रेलवे स्टेशन से निकली मुंबई हावड़ा मेल हाथियों के एक झुंड से टकराने के कारण क्षतिग्रस्त हो गई। रात में हुए इस दुर्घटना में मौके पर ही पांचों हाथियों की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना में टे्रन का इंजन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि इससे यात्रियों को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।

Elephants Death In Train Accident
चक्रधरपुर रेल लाइन पर मुम्बई-हावड़ा मेल की चपेट में आकर तीन वयस्क हाथी और 1 शावक की मौत हो गई। इस हादसे में घटना में मेल का इंजन भी क्षतिग्रस्त हो गया। रविवार देर रात हुई इस घटना के बाद मेल के इंजन को किसी तरह वापस बिलासपुर लाया गया।

ट्रेन नम्बर 12810 हावड़ा-मुंबई मेल ओडिशा के झरसुगुड़ा से आगे पहुंची थी। इसी दौरान बागडीह-धुतरा के बीच हाथियों का एक झुंड रेलवे ट्रेक पार कर रहा था। लोको पायलट एकाएक ट्रेन को नियंत्रित नहीं कर सका, और ट्रेन हाथियों के झुंड पर चढ़ गई। इस हादसे में चार हाथियों की मौके पर ही मौत हो गई। इनमें एक शावक भी शामिल था। इस हादसे में किसी यात्री को चोट आने की पुष्टि एसईसीआर और एससीआर ने नहीं की है। लेकिन दुर्घटना के बाद इंजन पूरी तरह डेमेज हो गया। घटना की सूचना मिलते ही बचाव दल मौके पर पहुंचा और दूसरे इंजन की व्यवस्था करके ट्रेन को हावड़ा के लिए रवाना किया गया। वहीं डेमेज इंजन को बिलासपुर लाया गया है।

इस हादसे के बाद रेल लाइन पर डेमेज इंजन व मृत हाथियों के पड़े रहने से अप और डाउन दिशा की लाइन कई घंटे तक रेल यातायात ठप रहा। हाथियों के शव को हटाने व क्षतिग्रस्त इंजन को लाने के बाद ट्रैक पर रेल यातायात शुरू हो सका।घंटों थमा रहा रेल यातायात:
देर रात की घटना है। हाथियों का दल रेल ट्रेक पार करते समय मुम्बई-हावड़ा ट्रेन की चपेट में आ गया था। इससे चार हाथियों की मौत हो गई। कुछ ट्रेनें प्रभावित हुई थीं, लेकिन अब यातायात सामान्य हो चुका है।
-प्रकाश चंद्र त्रिपाठी, उप महाप्रबंधक सीनियर पीआरओ एसईसीआर
चक्रधरपुर रेल लाइन पर मुम्बई-हावड़ा मेल की चपेट में आकर तीन वयस्क हाथी और 1 शावक की मौत हो गई। इस हादसे में घटना में मेल का इंजन भी क्षतिग्रस्त हो गया। रविवार देर रात हुई इस घटना के बाद मेल के इंजन को किसी तरह वापस बिलासपुर लाया गया।
ट्रेन नम्बर 12810 हावड़ा-मुंबई मेल ओडिशा के झरसुगुड़ा से आगे पहुंची थी। इसी दौरान बागडीह-धुतरा के बीच हाथियों का एक झुंड रेलवे ट्रेक पार कर रहा था। लोको पायलट एकाएक ट्रेन को नियंत्रित नहीं कर सका, और ट्रेन हाथियों के झुंड पर चढ़ गई। इस हादसे में चार हाथियों की मौके पर ही मौत हो गई। इनमें एक शावक भी शामिल था।गाड़ियां समय से विलंब चली।
मिली जानकारी के अनुसार रविवार को शाम 6 बजे बिलासपुर रेलवे स्टेशन से निकली मुंबई हावड़ा मेल हाथियों के एक झुंड से टकराने के कारण क्षतिग्रस्त हो गई। रात में हुए इस दुर्घटना में मौके पर ही पांचों हाथियों की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना में टे्रन का इंजन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि इससे यात्रियों को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।

ये टे्रन हुई प्रभावित

दुर्घटना में इस रुट पर चलने वाली टे्रनें प्रभावित हुई है। जिसमें आजाद हिन्द, ज्ञानेश्वरी सुपर डीलक्स समेत अन्य टे्रनों का परिचालन प्रभावित हुआ है। सभी टे्रन अपनी निर्धारित समय से 3 से 4 घंटा विलंब से चली। इस दौरान यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

Elephants Death In Train Accident

अंधेरे में नहीं दिखी टे्रन

जानकारों के अनुसार टे्रन अपनी रफ्तार से चल रही थी। तभी अचानक 5 हाथियों का झुंड पटरी के पास आ गया। हाथियों को अंधेरे में टे्रन दिखाई नहीं दी। साथ ही टे्रन की रफ्तार तेज होने के कारण पायलट भी हाथियों को नहीं देख पाया।

हाथियों का झूण्ड जब टे्रन के पास पहुंचा तभी पायलट ने हार्न बजाया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। ट्रेन की रफ्तार तेज होने के कारण इंजन भी क्षतिग्रस्त हो गया। जिसके कारण टे्रन आगे नहीं बढ़ पाई। पायलट ने तुरंत सक्ती स्टेशन मास्टर से संपर्क कर घटना की जानकारी दी। टे्रन को किसी तरह सक्ती रेलवे स्टेशन तक लेकर गए।

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