सिख जैसा बनकर करते रहे काम
आपातकाल के दौरान वीरेन्द्र पाण्डेय सिख सरदारों की तरह पगड़ी पहनकर भूमिगत रहे और इस दौरान सरकार विरोधी पर्चे बांटते रहे। 4 दिसम्बर 1975 की सुबह 10.30 जयस्तंभचौक पर वीरेन्द्र पाण्डेय, सच्चिदानंद उपासने और महेन्द्र फौजदार ने सरकार और आपातकाल विरोधी नारे लगाए। गोलबाजार, कचहरी कार्यालय, शास्त्रीचौक के पास भी उन्होंने नारेबाजी की। पुलिस ने मौके से ही उन्हें गिरफ्तार किया।
यहां तैयार होता था आपातकाल विरोधी साहित्य
आपातकाल विरोधी आंदोलन में एमजी रोड की भूमिका सबसे अहम रही। एमजी रोड स्थित रतन ट्रेडर्स के ऊपर एक छोटे से घर से जगदीश जैन और उनके साथी मिलकर आपातकाल विरोधी साहित्य तैयार करते थे। यहीं से पुलिस ने मनोहरराव सहस्त्रबुद्धे और कुछ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। बाद में यह काम माया लॉज और बूढ़ापारा स्थित नत्थानी बिल्डिंग से भी किया गया।
(जैसा लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने ने बताया)