रायपुर

फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे जल संसाधन विभाग में वर्षों तक करता रहा अभियंता की नौकरी, जांच के बाद हुआ खुलासा

जल संसाधन विभाग के हसदेव बैरा, जल प्रबंध संभाग रामपुर-कोरबा में पदस्थ मधुकर राव कुम्भारे चार माह से अधिक समय से विभाग में गड़बड़ी के चलते राज्य शासन ने निलंबित कर दिया था। इसी बीच उनके फर्जी जाति प्रमाण पत्र की जांच रिपोर्ट आई।

रायपुरFeb 21, 2020 / 07:59 pm

Karunakant Chaubey

फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे जल संसाधन विभाग में वर्षों तक करता रहा अभियंता की नौकरी, जांच के बाद हुआ खुलासा

रायपुर. कई वर्षों तक अनुसूचित जनजाति के फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी पाने और पदोन्नति में कार्यपालन अभियंता पद तक पहुंच गए। शिकायत हुई, छानबीन व जांच की गई। लेकिन बर्खास्त कार्यपालन अभियंता मधुकर कुम्भारे आखिरकार अनुसूचित जनजाति होने का प्रमाण पेश नहीं कर सके। गड़बड़ी में निलंबित अवधि में ही सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। यह आदेश यहां पहुंचा है।

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जल संसाधन विभाग के हसदेव बैरा, जल प्रबंध संभाग रामपुर-कोरबा में पदस्थ मधुकर राव कुम्भारे चार माह से अधिक समय से विभाग में गड़बड़ी के चलते राज्य शासन ने निलंबित कर दिया था। इसी बीच उनके फर्जी जाति प्रमाण पत्र की जांच रिपोर्ट आई। इसमें कुम्भारे को अनुसूचित जनजाति ‘हल्बा’ के प्रमाण पत्र की जांच कराई गई। बर्खास्त कार्यपालन अभियंता का यह अजजा जाति प्रमाण फर्जी पाया गया। मप्र के जिला छिंदवाड़ा के पांढुरना के तहसीलदार से जांच कराई गई। कुम्भारे ने हल्बा जाति होने का जांच समिति को कोई भी साक्ष्य दस्तावेज पेश नहीं कर सका।

निलंबित अवधि में सेवा से बर्खास्त

राज्य शासन ने मधुकर कुम्भारे को सदेव बैराज जल प्रबंध संभाग जल संसाधन विभाग रामपुर में कार्यपालन अभियंता के पद से गड़बड़ी करने पर निलंबित कर दिया था। इसी निलंबन अवधि के दौरान छग सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 12 द्वारा प्रदत्त शक्तियों पर राज्य शासन ने फर्जी जाति प्रमाण पर नौकरी करने पर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। बर्खास्तगी का आदेश जल संसाधन विभाग के अवर सचिव वृन्दावन सेन ने जारी किया है। यह आदेश मुख्य अभियंता कार्यालय पहुंच गया है।

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