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रायपुर

कोरोना के 2000 मरीज आ जाएंगे तो भी नहीं पड़ेगी आउटडोर स्टेडियम के कोविड-19 अस्पताल की जरुरत

अभी माना कोविड19 हॉस्पिटल, लालपुर अस्पताल और ईएसआईसी हॉस्पिटल का इस्तेमाल भी नहीं किया जा रहा है। अनुमान के मुताबिक 2000 मरीज भी आते हैं तो रायपुर में उन्हें भर्ती करने और उनके इलाज की पूरी व्यवस्था है। ऐसे में इंडोर स्टेडियम में बनाए गए अस्थाई कोविड१९ अस्पताल की जरुरत नहीं पड़ेगी।

रायपुरJul 06, 2020 / 06:08 pm

Karunakant Chaubey

कोरोना के 2000 मरीज आ जाएंगे तो भी नहीं पड़ेगी आउटडोर स्टेडियम के कोविड-19 अस्पताल की जरुरत

कोरोना के 2000 मरीज आ जाएंगे तो भी नहीं पड़ेगी आउटडोर स्टेडियम के कोविड-19 अस्पताल की जरुरत

रायपुर. प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रहा है, मगर राहत यह भी है कि मरीज जल्द ठीक भी हो रहे हैं। इस बीच सबसे ज्यादा चिंता बढ़ रही है राजधानी रायपुर। यहां कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 400 पार कर गया है, जिनमें 194 एक्टिव मरीज हैं। इनका इलाज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायपुर और डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल में किया जा रहा है। अभी माना कोविड19 हॉस्पिटल, लालपुर अस्पताल और ईएसआईसी हॉस्पिटल का इस्तेमाल भी नहीं किया जा रहा है। अनुमान के मुताबिक 2000 मरीज भी आते हैं तो रायपुर में उन्हें भर्ती करने और उनके इलाज की पूरी व्यवस्था है। ऐसे में इंडोर स्टेडियम में बनाए गए अस्थाई कोविड१९ अस्पताल की जरुरत नहीं पड़ेगी।

‘पत्रिका’ पड़ताल में सामने आया कि प्रदेश में मई में कोरोना मरीजों की संख्या करीब 100 मरीज प्रतिदिन बढ़ रही थी। कुछ दिन तक जब ये आंकड़े आए तो स्वास्थ्य विभाग के साथ शासन-प्रशासन ने तत्काल निर्णय लेते हुए इंडोर स्टेडियम का चयन अस्थाई अस्पताल बनाने के लिया। कलेक्टर रायपुर को स्वास्थ्य विभाग ने कोविड18 हॉस्पिटल की गाइडलाइन दी। जिनके निर्देश पर रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने अनुबंधित ठेकेदार को वर्कआर्डर जारी कर दिया। यहां 250 मरीजों को भर्ती करने के लिए सुविधा विकसित की जा चुकी है।

मगर, रायपुर जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. मीरा बघेल ने यहां संक्रमित मरीजों और स्टाफ नहाने-धोने के दौरान इस्तेमाल किए गए पानी को सीधे ड्रेनेज से जोडऩे पर आपत्ति दर्ज करवाई थी। जिसके बाद इंडोर स्टेडियम के वॉशरूम से निकलने वाले पानी को ड्रेनेज में ब्लीचिंग पाउडर या लिक्विड के साथ छोड़ा जाएगा, ताकि वायरस खत्म हो जाए।

 

कहां कितने मरीज भर्ती, और कितने बेड बढ़ाए जा सकते हैं

अस्पताल- बेड संख्या- बढ़ाए जा सकते हैं

 

एम्स- 250- 500

आंबेडकर अस्पताल- 200- 700

 

माना अस्पताल- 110- 300

लालपुर अस्पताल- 85

 

ईएसआईसी अस्पताल- 260

(नोट- ईएसआईसी अस्पताल को पीपी मोड पर दिया जाएगा, टेंडर प्रक्रिया हो चुकी है।)

 

निजी अस्पताल भी हो रहे हैं अनुबंधित-

 

सरकार ने आवश्यकता पडऩे पर निजी अस्पतालों में भी मरीजों को भर्ती करने का निर्णय लिया है। इसलिए तो इलाज के पैकेज रेट जारी कर दिए गए हैं। रिम्स रायपुर ने इसी पैकेज रेट पर इलाज करने के लिए आवेदन दे चुका है। हालांकि स्पष्ट है कि सरकार जरुरत पडऩे पर किसी भी अस्पताल को अधिग्रहित कर सकती है।

अब हर जिले में भर्ती करने की सुविधा-

 

प्रदेश के हर जिले में कोरोना मरीजों को भर्ती करने की सुविधा विकसित कर ली गई है। पहले कोरबा तक के मरीजों को रायपुर रेफर किया जा रहा था, मगर अब ऐसा नहीं है। रीजनल लेवल (क्षेत्रीय स्तर) पर अकेले रायपुर के एम्स में 500, डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल में 500, माना कोविड-19 हॉस्टिल में 110 मरीजों को भर्ती किया जा सकता है। बिलासपुर मेडिकल कॉलेज में 100, रायगढ़ में 100, जगदलपुर में 200, राजनांदगांव 160 और अंबिकापुर में 100 मरीज भर्ती किए जा सकते हैं। इनके अलावा जिला स्तर पर 1614 मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था है।

रायपुर में कोरोना मरीजों के उपचार के लिए पर्याप्त बंदोबस्त हैं। अभी मरीज एम्स और आंबेडकर अस्पताल में भर्ती करवाए जा रहे हैं। जरुरत पडऩे पर लालपुर और माना अस्पताल का इस्तेमाल होगा।

-डॉ. सुभाष पांडेय, प्रवक्ता एवं संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य विभाग

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