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छत्तीसगढ़ का हर 37वां व्यक्ति संक्रमित, यानी हर 9वें घर में कोरोना

locationरायपुरPublished: May 04, 2021 12:05:32 am

Submitted by:

ramendra singh

दूसरी लहर का कहर: राज्य की आबादी 2.80 करोड़, अब तक 7,56,427 संक्रमित मिले
– प्रदेश में संक्रमण दर 26 प्रतिशत
– डॉक्टर-एक्सपर्ट बोले- कम से कम 2 साल सख्त प्रोटोकॉल के साथ गुजारने ही होंगे

छत्तीसगढ़ का हर 37वां व्यक्ति संक्रमित, यानी हर 9वें घर में कोरोना

छत्तीसगढ़ का हर 37वां व्यक्ति संक्रमित, यानी हर 9वें घर में कोरोना

रायपुर. प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 7.56 लाख के पार जा पहुंची है। राज्य की आबादी 2.80 करोड़ है। इस लिहाज से आकलन किया जाए तो आज हर 37वां व्यक्ति कोरोना संक्रमित है। एक परिवार में औसतन 4 लोग होते हैं। यानी की आपके घर से हर 9वें घर में कोरोना का ‘घरÓ था या है। ये आंकड़े तेजी से घट रहे हैं, क्योंकि संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। डॉक्टरों का मानना है कि बीते 5-7 दिन से हालात कुछ संभले हैं, मगर आज भी एक संक्रमित व्यक्ति पूरे परिवार को संक्रमित कर रहा है, कम से कम 10 और अधिकतम 20 लोगों को।
कोरोना की दूसरी लहर, पहली लहर से 5 गुना ज्यादा खतरनाक साबित हो रही है। हर रोज औसतन 14900 मरीज रिपोर्ट हो रहे हैं और रोजाना 200 से अधिक जानें जा रही हैं। लोगों को पता ही नहीं चल रहा है कि वे कैसे और कब संक्रमित हो गए। डॉक्टर-विशेषज्ञों का मानना है कि बस कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना और टीकाकरण ही संक्रमण की रफ्तार और हमें संक्रमित होने से रोक सकता है। बहरहाल लॉकडाउन की वजह से हालात थोड़े नियंत्रण में आते दिख रहे हैं।

रायपुर जिले में हर 27वां व्यक्ति पॉजिटिव

रायपुर जिले की आबादी करीब 40 लाख है। अब तक कुल 1,43,285 लोग संक्रमित हो चुके हैं। यानी हर 27 व्यक्ति संक्रमित हुआ है। सबसे ज्यादा संक्रमित रायपुर नगर निगम क्षेत्र में हैं।

संक्रमण को रोकने सरकार खुद बांट रही कोरोना दवा किट
गांवों में कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए सरकार मितानिन, एएनएम और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से कोरोना दवा किट घर-घर बांट रही है। ऐसे लोगों को जो संदिग्ध हैं। इसमें आइवरमेक्टिन, डॉक्सीसाइक्लिन, पैरासिटामॉल, विटामिन-सी और जिंक की गोलियां हैं। अब तक 6.29 लाख लोगों को यह किट दी जा चुकी है। सरकार का दावा है कि इससे संक्रमण दर में गिरावट आई है।


महामारी इसी तरह से आती है

पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. कमलेश जैन का मानना है कि महामारी की लहर इसी तरह से आती हैं, कभी कम और कभी ज्यादा। संक्रमण को बढ़ाने में हम जिम्मेदार हैं, क्योंकि हमने मान लिया था कि संक्रमण खत्म हो चुका है। मास्क पहनना बंद कर दिया था। सभी प्रकार की गतिविधियां जैसे- सोशल गेदरिंग, शादी समारोह, आयोजन। शाासन-प्रशासन सख्त था। व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया गया। मगर कहीं न कहीं चूक हुई। आप यह मानकर चलिए की हमें 2-3 साल तमाम प्रोटोकॉल का पालन कर गुजारने होंगे।

इस बार एक व्यक्ति से पूरा परिवार संक्रमित हो रहा

भले ही हमारे पास 7.56 लाख से अधिक लोगों के संक्रमित होने का डेटा है। मगर, निश्चित तौर पर इससे ज्यादा संक्रमित हुए होंगे। इसके लिए सीरो सर्विलेंस की आवश्यकता है। उससे समुदाय में हर्ड इम्युनिटी का पता चलता है। जो पूर्व में एक बार हुआ भी है। इस बार तो एक व्यक्ति से पूरा का पूरा परिवार संक्रमित हुआ है।
डॉ. आरके पंडा, सदस्य कोरोना कोर कमेटी एवं विभागाध्यक्ष, टीबी एंड चेस्ट, आंबेडकर अस्पताल

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