रायपुरPublished: Oct 12, 2022 12:43:11 pm
Sakshi Dewangan
यह सभी अपने समय के वॉलीवाल चैपिंयन रह चुके हैं। उनका अनुशरण आज भी यहां के बच्चे कर रहे हैं। करीब 25 सौ से तीन हजार की आबादी वाले इस गांव के प्रत्येक घर में वॉलीवाल का खिलाड़ी मौजूद हैं। यहां खेल को बढ़ावा देने के लिए गांव में ही राज्य स्तरीय वॉलीवाल प्रतियोगिता आयोजित कराई जाती है।
रायगढ़. जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर लोहरसिंह गांव वॉलीवाल के लिए मशहूर है। यहां 60 के दशक में शुरू हुआ यह खेल अब परवान चढ़ चुका है। इसी गांव में 25 से अधिक वॉलीवाल के नेशनल खिलाड़ी हैं। इस अकेले गांव में ही अब तक करीब तीन सौ मंझे हुए खिलाड़ी हैं। इस गांव के खिलाड़ी व सरकारी कर्मचारी कामता प्रसाद गुप्ता बताते हैं। खेल की शुरुआत करीब 60 के दशक में मानूराम गुप्ता, रामधन नायक, भुवनेश्वर गुप्ता, उसत गुप्ता, घनश्याम गुप्ता, गनपत गुप्ता, बालमुकुंद नायक व बालमुकुंद गुप्ता सहित अन्य के द्वारा की गई।