हर रात दो घंटे का शाहीन बाग बनता है रायपुर का यह चौराहा
रायपुरPublished: Jan 20, 2020 12:10:07 am
दिल्ली के शाहीन बाग सीएए-एनआरसी का विरोध कर रही महिलाओं के समर्थन में रात 9.30 बजे से 11.30 तक रोज होता है धरना । हर रोज दो घंटे तक का यह शाहीन बाग 25 जनवरी को पूरी रात जगेगा।
हर रात दो घंटे का शाहीन बाग बनता है रायपुर का यह चौराहा
रायपुर. देश भर में चल रहे नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर-एनआरसी के खिलाफ चल रहे आंदोलनों में दिल्ली का शाहीन बाग बड़े केंद्र के तौर पर उभरा है। वहां लगातार धरना दे रही महिलाओं के समर्थन में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का एक चौराहा भी हर रात कुछ घंटों के लिए शाहीन बाग में बदल जाता है।
जयस्तंभ चौराहे के एक कोने पर हर रात में 9.30 बजे से 11.30 बजे तक के दो घंटे नागरिकता संशोधन कानून और एनपीआर-एनआरसी विरोधी नारे, गीत और तकरीरे सुनाई देती हैं। शहर के कई हिस्सों से महिलाओं-पुरुषों का झुंड इसमें जुड़ता जाता है। आंदोलन के संयोजकों में शामिल फैसल रिजवी ने कहा, इसका कोई औपचारिक स्वरूप नहीं है। कोई नेता नहीं है। शाहीन बाग की औरतों की हिम्मत और जज्बे को देखकर सीएए विरोधी आंदोलन को यह स्वरूप देेने का विचार आया और लोग जुटने लगे। रिजवी बताते हैं कि शाहीन बाग और संविधान बचाओ-देश बचाओ नारे के साथ पहली बार कुल 25-26 लोग 3 जनवरी की रात बैठे थे। उसके बाद से यह कारवां बढ़ रहा है। रविवार रात 10.30 बजे तक जयस्तंभ के इस शाहीन बाग आंदोलन में करीब 500 लोग शामिल थे, जिनमें औरते और बच्चों की संख्या भी शुमार थी। इसमें रिजवान, मिन्हाज हसन, विक्रम सिंघल, शेखर नाग, नीतू अवस्थी, बालकृष्ण अययर, अरुण काठौते, सौरा यादव जैसे लोग शामिल थे। शुरुआत बच्चों ने देशभक्ति का एक तराना गाकर किया। उसके बाद माइक एक से दूसरे वक्ता तक जाता रहा। माकपा के धर्मराज महापात्र ने कहा, यह आजादी के हिफाजत की जंग है। हुक्मरान चाहते थे कि इस कानून के जरिए सामाजिक विभाजन होगा, लेकिन उल्टा हो गया। देश एकजुट हो रहा है। फैसल रिजवी कहते हैं कि सरकार को समझना होगा कि उनके इस गैर जरूरी कदम से जनता की प्रगति प्रभावित हो रही है।
25 जनवरी को पूरी रात जगेगा शाहीन बाग
हर रोज दो घंटे तक का यह शाहीन बाग 25 जनवरी को पूरी रात जगेगा। बताया गया, 23 जनवरी को यहां सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई जाएगी। उस दिन आजाद हिंद फौज के तीन वरिष्ठ अफसरों, जनरल शहनवाज, कर्नल गुरुबख्श सिंह ढिल्लो और कर्नल प्रेम सहगल की विरासत पर बात होगी। 25 जनवरी को धरना पूरी रात होगा। ठीक आधी रात को संविधान की प्रस्तावना पढ़ी जाएगी और जनता संविधान की शपथ लेगी। उस दिन विभिन्न धर्मों के पवित्र ग्रंथों का पाठ होगा। लोक नृत्यों और जनगीतों की प्रस्तुति होगी। कुछ बैंड भी अपनी प्रस्तुतियां देंगे। 26 जनवरी की सुबह ध्वजारोहण के बाद लोग अपने घरों को जाएंगे।