ऐसा एग्जिबिशन जहां 164 साल पुराने डाक टिकट, हैरत में पड़ जाएंगे आप
पुराने टिकट, पोस्ट कार्ड, डेढ़ सौ से ज्यादा देशों के डाक टिकट, देश-विदेश के पुराने सिक्कों की प्रदर्शनी

रायपुर . किसी चीज के लिए इंटरेस्ट रखना और उसके प्रति जुनून दोनों अलग-अलग बाते हैं। जब कुछ चीजें अच्छी लगती हैं तो हम उसे इकठ्ठा करने लगते हैं। जैसे-जैसे उनके प्रति दीवानगी छाने लगती है आपका शौक आपका लक्ष्य बन जाता है। फिर आप उसी के पीछे भागते हैं जो आपको पसंद हो। वैसे तो कलेक्शन के क्षेत्र में बहुत से लोग हैं। लेकिन जब बात डाक टिकट की हो तो किसी का भी ध्यान जरूर जाता है। पं. दीनदयाल ऑडिटोरियम में तीन दिवसीय डाक टिकट प्रदर्शनी रायपेक्स- 2018 में एक से बढ़कर एक कलेक्शन देखकर यहां आए लोग इंप्रेस हुए बिना नहीं रह सके। समापन सोमवार को हुआ। इस दौरान मैनेजिंग डायरेक्टर छग पर्यटन मंडल एमटी नंदी, एक्जीक्युटिव इंजीनियर एनके पांडे, जूरी मेंबर डॉ प्रदीप जैन बालोद, अतुल जैन बिलासपुर , असि. सुप्रीमटेंडेंट हरनारायण शर्मा, प्रवर अधीक्षक एवं अध्यक्ष आयोजन समिति डॉ आशीष सिंह ठाकुर मौजूद रहे।
1854 से लेकर 2018 तक का नायाब संग्रहण
यहां गुजरे जमाने के राजा-महाराजा द्वारा ढलवाए गए सिक्के देखने को मिले। महात्मा गांधी पर डाक टिकट की ऐसी सीरीज का संकलन जिसे देखने के बाद हर कोई सोचने को मजबूर हो जाए। 1854 से लेकर 2018 तक के डाक टिकट का नायाब संग्रहण था। अंग्रेजों के जमाने में किस तरह के स्टांप यूज होते थे इसे सिलसिलेवार तरीके से बताया गया।

7 साल की उम्र से है रुचि
अवंति विहार कविता नगर निवासी संजय अग्रवाल सिंचाई विभाग में ठेकेदार हैं। वे बताते हैं कि बचपन में मामा के घर बरगड़ गया था। घर के पास ही बैंक था। वहां डाक के लिफाफे कचरे में रोज फेंके जाते थे। यहीं से डाक टिकटों के संग्रहण के प्रति रुचि जागी जो आज तक जारी है। मेरे लिए ये किसी प्रॉपर्टी से कम नहीं। अग्रवाल वर्ष 2016 में साउथ कोरिया में लगे छह दिवसीय एग्जिबिशन में हिस्सा ले चुके हैं। उन्हे असिस्ट वल्र्ड रिकॉर्ड और लिमका अवार्ड मिल चुका है।
पड़ोसी से हुआ प्रभावित और उनको छोड़ दिया
अनुपम नगर के सुरेंद्र गोयल बिजनेस मैन हैं। करीब 20 की उम्र रही होगी जब वे अपने पड़ोसी के घर जाया करते थे। वहां उन्होंने देखा कि वे अलग-अलग वैरायटियों के डाक टिकट जमा कर रहे हैं। पड़ोसी से प्रभावित होकर कलेक्शन शुरू किया। पुराने लिफाफों से टिकट निकालने लगे। ये जुनून ऐसा छाया कि जिनसे प्रेरित हुए थे कलेक्शन के मामले में उनसे आगे बढ़ गए। इसके चलते उनका सम्मान भी किया गया और लॉर्ज सिल्वर अवार्ड भी हासिल किया।
ये रहे विनर्स
जूनियर ग्रुप
1. सौम्या लोढ़ा- स्टाम्प कवर इश्यु ऑन एमके गांधी
2. अनिकेत अग्रवाल - मिनेचर शीट
3. ऋषभ वर्मा - लाइफ ऑफ क्राइस्ट
सीनियर ग्रुप
1. मनीष गोयल - ट्रेडिशनल गेम कलेक्शन
2. जगदशी पीडी बडोला - एरर स्टांप ऑफ गांधी
3.आकांक्षा राहुल शिंदे - व्हालेस की, फेक्टर इन इनवायरमेंट बैलेंस
अब पाइए अपने शहर ( Raipur News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज