scriptविशेषज्ञ बोले-अपनी खुशी की चाबी किसी और को न दें, अपेक्षा से उपेक्षा होती है, विद्यार्थियों ने सीखे तनाव प्रबंधन के गुर | Expert said - Do not give the key to your happiness to anyone else, ex | Patrika News

विशेषज्ञ बोले-अपनी खुशी की चाबी किसी और को न दें, अपेक्षा से उपेक्षा होती है, विद्यार्थियों ने सीखे तनाव प्रबंधन के गुर

locationरायपुरPublished: May 31, 2020 07:25:34 pm

Submitted by:

Shiv Singh

एससीईआरटी के अपर संचालक आर.एन. सिंह, संयुक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे के निर्देशन में ऑनलाईन कक्षा का समन्वय सुशील राठौर और अस्मिता मिश्रा के द्वारा किया जा रहा है। तनाव प्रबंधन के अलावा आज कमला राजपाल द्वारा जीवविज्ञान और कौशिक मुनी त्रिपाठी द्वारा भौतिकी का ऑनलाईन क्लास ली गई।
कोरोना के कारण चल रहे लॉकडाउन के मद्देनजर आनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। विभिन्न विशेषज्ञों के शिक्षक मार्गदर्शन करते हैं।

विशेषज्ञ बोले-अपनी खुशी की चाबी किसी और को न दें, अपेक्षा से उपेक्षा होती है, विद्यार्थियों ने सीखे तनाव प्रबंधन के गुर

विशेषज्ञ बोले-अपनी खुशी की चाबी किसी और को न दें, अपेक्षा से उपेक्षा होती है, विद्यार्थियों ने सीखे तनाव प्रबंधन के गुर

रायपुर. “पालकों के ऊपर आता है गुस्सा ? गुस्सा आने पर क्या करें ? परीक्षा के समय डर लगता है ? घर के लोग आपस में लड़ते है तो बहुत तनाव होता है, फिर पढ़ाई का मन नहीं करता ? ऐसे ही कुछ सवालों से सामना हुआ तनाव प्रबंधन के लिए आयोजित ऑनलाईन क्लास में। शिक्षक ऐना कुरियन ने रविवार की ऑनलाईन क्लास में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को छत्तीसगढ़ सरकार के “पढ़ई तुंहर दुआर” ऑनलाईन शिक्षा के अंतर्गत ‘काउंसलिंग-तनाव-प्रतिरोध’ विषय पर तनाव प्रबंधन के गुर बताए।
ज्ञातव्य है कि एससीईआरटी के जुगाड़ स्टूडियो से ऑनलाईन कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। जिसमें विषय विशेषज्ञ शिक्षकों के द्वारा विद्यार्थियों के लिए आकर्षक और रोचक ढंग से पाठ का अध्यापन ऑनलाईन तरीके से किया जा रहा है। विद्यार्थियों को तनाव प्रबंधन के विषय में बताया गया कि सबका अपना एक अलग अस्तित्व होता है। हर कोई इन्सान अपने आप में सम्पूर्ण नही होता है। खूबियों के साथ कुछ न कुछ खामिया भी होती है। जब हम किसी से बहुत सारी अपेक्षाए रख लेते है और वह जब पूरा नहीं होता पाता तो दु:ख के साथ साथ मानसिक तनाव भी होता है और यही तनाव बाल मन में सर्वांगीण विकास को बाधित करता है, अत: ऐसी अपेक्षाओं से दूर रहे। तनाव मुक्त रहने का सरल तरीका है कि आसपास घट रहे अनावश्यक बातों से दूर रहे। लक्ष्य पर केन्द्रित होकर पढ़ाई पर ध्यान लगाए। सकारात्मक तनाव लक्ष्य के पास ले जाता है जबकि नकारात्मक तनाव लक्ष्य से दूर कर देता है। विद्यार्थियों को तनाव प्रबंधन के लिए समय प्रबंधन बहुत जरुरी है। समय पर खाना, पर्याप्त नींद लेना, खेलने का समय निर्धारित होना और रुचि अनुसार कार्यों पर समय व्यतीत करने से भी तनाव कम होता है।
पालकों का गुस्सा अपनी जगह सही
पालकों पर गुस्सा आता है इस प्रश्न के जवाब में बताया कि घर के बड़े हमेशा बच्चों के भले के लिए सोचते है। यह उम्र पढ़ाई के साथ साथ कुछ रचनात्मक गतिविधियों में संलग्न रहने का है। जबकि हम सारा समय मोबाइल या टेलीविजन देखने में लगा देते है। इस कारण पालक आपको ऐसा करने से रोकते है और आपको उनके ऊपर गुस्सा आता है जो की वाजिब नहीं है। सवाल गुस्सा आने पर क्या करें के जवाब में बताया कि गुस्सा आने पर अपनी रूचि अनुसार काम को करना प्रारंभ कर दें, तो इस तरह से ध्यान गुस्से से हट जाएगा।

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