पुलिस के मुताबिक शंकर नगर स्थित एक निजी अस्पताल के मेडिकल स्टोर में काम करने वाले मदन नायक के पास दो दिन पहले एक व्यक्ति ने फोन किया और खुद को शांति नगर एसबीआई का अधिकारी बताया और मैसेज पढऩे पर रीडिंग पाइंट देने का झांसा दिया।
कुछ देर बाद आरोपी ने उसके क्रेडिट कार्ड नंबर की जानकारी मांगी। मदन ने दे दिया। जानकारी देने के बाद उसके मोबाइल में एसएमएस आया। उसमें ओटीपी नंबर पूछा, तो मदन ने ओटीपी नंबर बता दिया। इसके बाद उनके बैंक खाते से दो बार में 87 हजार रुपए निकाल लिए गए। इसकी शिकायत पर सिविल लाइन पुलिस ने अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।
70 से अधिक मामले
जनवरी से अप्रैल तक विभिन्न थानों में ऑनलाइन फ्रॉड के 100 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। 53 मामलों में पुलिस ने ऑनलाइन फ्रॉड की रकम पीडि़तों को वापस दिलाई है। बाकी मामलों में आरोपियों ने ठगी की राशि का उपयोग अन्य कार्यों में कर लिया है। पुलिस ने विभिन्न थानों में अपराध दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
जनवरी से अप्रैल तक विभिन्न थानों में ऑनलाइन फ्रॉड के 100 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। 53 मामलों में पुलिस ने ऑनलाइन फ्रॉड की रकम पीडि़तों को वापस दिलाई है। बाकी मामलों में आरोपियों ने ठगी की राशि का उपयोग अन्य कार्यों में कर लिया है। पुलिस ने विभिन्न थानों में अपराध दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
24 घंटे के भीतर मिल जाता है वापस ऑनलाइन ठगी के मामलों में अगर पीडि़त २४ घंटे के भीतर बैंक और पुलिस अधिकारियों के पास शिकायत लेकर पहुंच जाता है और कार्रवाई शुरू हो जाती है, तो ठगी की राशि वापस मिलने की संभावना रहती है। अधिकांश मामलों में पीडि़त दो-तीन दिन बाद शिकायत लेकर पहुंचते हैं। इसमें बैंक अधिकारियों की अनदेखी भी बड़ी वजह रहती है।