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इस दौरान श्वाति ने अपने पति को महिला एवं बाल विकास विभाग का असिस्टेंट डॉयरेक्टर के रूप में मिलवाया था। और उसके सहयोगी रितेश शर्मा ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया था। शशिकांता और उनके पति की मुलाकात के बाद बातचीत होने लगी। घर आना-जाना भी शुरू हो गया।यह भी पढ़ें: फेसबुक पर कोई सुंदर लड़की का फ्रेंड रिक्वेस्ट आए तो पहले जांच लें, फिर करें कन्फर्म वरना
गुमास्ता बनाने के नाम पर दो बार 15675-15675 रुपए जमा करवाया। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया के नाम पर अलग-अलग किस्तों में पैसे लेते रहे। इस तरह रूद्रा और उसके सहयोगियों ने शशिकांता व उसके पति से कुल 15 लाख रुपए ले लिया। इसके बाद भी टेंडर उन्हें नहीं मिला।ऐसे हुआ ठगी का खुलासा
इसके बाद शशिकांता महिला एवं बाल विकास विभाग के दफ्तर में गईं। वहां रूद्रा मिश्रा के बारे में जानकारी ली। विभाग वालों ने ऐसे किसी अधिकारी के पदस्थ नहीं होने की सूचना दी। इसके बाद शशिकांता ने उन्हें कॉल किया, तो आरोपियों ने फोन उठाना बंद कर दिया। इसकी शिकायत पीड़िता ने राजेंद्र नगर थाने में की।
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पुलिस ने रूद्रा, उनकी पत्नी श्वाति, रितेश शर्मा, मनोज भारद्वाज, अनंति तिवारी आदि के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया है। आरोपियों की अब तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। आरोपियों के बारे में पता लगाया जा रहा है। आशंका है कि आरोपियों ने अन्य लोगों को भी इसी तरह से ठगा है।