मामले की जांच के लिए खमतराई टीआई संजय पुंढीर की टीम लगी थी। इस दौरान कुलेश्वर बार-बार अपना बयान बदल रहा था। साथ ही घटना स्थल पर उसके पीछे बाइक सवार आने का सबूत नहीं मिल रहा था। इसके अलावा कुलेश्वर अपने घर के पास रहने वाले दिनेश का मोबाइल लेकर आया था। रात में पुलिस की टीम कुलेश्वर के घर पहुंची और दिनेश व अन्य लोगों से पूछताछ की गई और तकनीकी जांच में कुलेश्वर के भांजे राकेश साहू और उसके दोस्त योगेश साहू का पता चला। इसके बाद कुलेश्वर ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि उसने लूट की झूठी कहानी रची है। उसे पैसों की जरूरत थी। एक साथ 4.60 लाख रुपए देखकर उसको लालच आ गया था। इस कारण उसने इसे हड़पने के लिए लूट की झूठी कहानी बनाई। फाफाडीह में कारोबारियों से पैसा लेकर राकेश और योगेश को दे दिया था। इसके कुछ देर बाद वह खमतराई थाने पहुंचा और झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई। रात करीब 11 बजे पुलिस ने कुलेश्वर और उसके साथियों को गिरफ्तार कर पूरी रकम बरामद कर लिया।
कुलेश्वर का दावा है कि वह कर्ज में डूबा था और उसके पिताजी के पैर का ऑपरेशन कराना था। इसके लिए उसे तीन लाख रुपए की जरूरत थी। हालांकि कुलेश्वर की किराने की दुकान भी है और आलीशान मकान है। इसके बावजूद उसने अपने मालिक का पैसा हड़पने के लिए लूट की साजिश रची। झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने के एवज में पुलिस उसके खिलाफ अलग से अपराध दर्ज कर रही है। आरोपियों को पकडऩे में तेलीबांधा टीआई रमाकांत साहू, विधानसभा टीआई अश्वनी राठौर की भूमिका भी अहम रही।