ज्ञात हो कि भंवरमरा के एक किसान महेंद्र सिन्हा ने जमीन खरीदी के दस्तावेज का प्रमाणीकरण की आदेश कॉपी जारी करने के लिए नायाब तहसीलदार कार्यालय में बैठने वाले बाबू ने 1500 रुपए की मांग की थी। इस मामले की शिकायत किसान ने कलेक्टर से की थी। उन्होंने बातया था कि रिश्वत नहीं देने पर काम नहीं होने की बातकहते हुए उससे दुर्व्यवहार भी किया गया था।
दूसरे दिन मिल गई थी ऋण पुस्तिका
ज्ञात हो कि इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए ‘पत्रिका’ ने 6 जुलाई को प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया था। इसके बाद आवेदक किसान को दूसरे दिन ही पटवारी ने ऋण पुस्तिका दे दी थी। तहसीलदार कार्यालय से सीधे पटवारी को ही आदेश जारी कर दिया गया।
मामले में जांच के निर्देश तहसीलदार को दिए हैं। जांच प्रतिवेदन के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।
-अरुण वर्मा, एसडीएम राजनांदगांव