scriptड्रीम प्रोजेक्ट चाय बागान में मवेशी चरा रहे किसान | Farmers Cattle Pasture in Dream Project Tea bagan | Patrika News

ड्रीम प्रोजेक्ट चाय बागान में मवेशी चरा रहे किसान

locationरायपुरPublished: Jun 03, 2020 02:40:13 am

Submitted by:

ramdayal sao

मैनपाट को पर्यटन के नक्शे में लाने के लिए वन विभाग ने जशपुर की तर्ज पर यहां भी चाय की खेती की शुरूआत वर्ष 2019 में की थी। इसके लिए ग्राम पंचायत सरभंजा के ललैया के चार किसानों की जमीन चिन्हांकित की गई थी, लेकिन बजट के अभाव में न तो किसानों को फसल का फायदा हुआ और न ही उन्हें मजदूरी मिली।

ड्रीम प्रोजेक्ट चाय बागान में मवेशी चरा रहे किसान

ड्रीम प्रोजेक्ट चाय बागान में मवेशी चरा रहे किसान

raipur/अंबिकापुर. मैनपाट को पर्यटन के नक्शे में लाने के लिए वन विभाग ने जशपुर की तर्ज पर यहां भी चाय की खेती की शुरूआत वर्ष 2019 में की थी। इसके लिए ग्राम पंचायत सरभंजा के ललैया के चार किसानों की जमीन चिन्हांकित की गई थी, लेकिन बजट के अभाव में न तो किसानों को फसल का फायदा हुआ और न ही उन्हें मजदूरी मिली। अब किसान इस चाय बगान में मवेशी चराने को मजबूर हैं।
ग्राम ललैया के चार किसानों की लगभग 2 हैक्टर भूमि चाय बागान के पायलट प्रोजेक्ट के लिए चयनित किया गया था। इसके लिए किसानों द्वारा सहमति भी दी गई थी। इसकी घोषणा खाद्य व संस्कृति मंत्री द्वारा की गई थी। वन विभाग द्वारा इसके लिए किसानों को चाय बागान में लगने वाले मजदूरों की पारिश्रमिक देने की बात भी कही गई थी। लेकिन 6 माह से अधिक का समय बीत गया है, किसानों को उनका पारिश्रिमिक नहीं मिल सका है। इस संबंध में जब किसानों द्वारा स्थानीय वन अधिकारियों से बात की जाती है तो उनके द्वारा यही कहा जाता है कि उनके पास चाय बागान के लिए बजट नहीं है। अब किसानों के पास बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।
– चाय बगान के लिए बजट अलग से स्वीकृत नहीं है, लेकिन डीएमएफ मद से इसके लिए बजट स्वीकृत कराया गया था। अगर किसान वहां मवेशी चरा रहे हैं तो इसका पता कर कार्रवाई की जाएगी।
– पंकज कमल, डीएफओ, सरगुजा वन वृत्त
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