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छत्तीसगढ़ के किसान सिंधु बॉर्डर पर प्रदर्शन में हो रहे शामिल

locationरायपुरPublished: Jan 22, 2021 07:19:51 pm

Submitted by:

CG Desk

– केंद्र सरकार आंदोलन को कमजोर करने की कर रही साजिश .- कानून को डेढ़ साल के लिए स्थगित रखने का प्रस्ताव .

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रायपुर । केंद्र सरकार की तीन कृषि बिल के विरोध में किसान आंदोलन के 57वें दिन सिंघु बार्डर पर छत्तीसगढ़ से आदिवासी भारत महासभा के संयोजक सौरा यादव, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा छत्तीसगढ़ के प्रदेश उपाध्यक्ष मदन लाल साहू, अखिल भारतीय क्रंतिकारी किसान सभा के सचिव व छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संचालक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही, सामाजिक कार्यकर्ता राधेश्याम शर्मा, क्रांतिकारी नौजवान भारत सभा के एनडी वेणु क्रमिक भूख हड़ताल में सम्मिलित रहे।
केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए कॉरपोरेट परस्त किसान, कृषि और आम उपभोक्ताा विरोधी कानून को रद्द करने व न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून लागू करने की मांग को लेकर दिल्ली के विभिन्न सीमाओं में जारी किसान आंदोलन के समर्थन में छत्तीसगढ़ से गए किसान सिंघु बार्डर में जारी तमाम विरोध प्रदर्शनों में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
अनशनकारियों ने कहा कि 20 तारीख को बैठक के दौरान केंद्र सरकार द्वारा किसान प्रतिनिधियों के समक्ष यह प्रस्ताव रखना कि इस कानून को हम डेढ़ साल के लिए स्थगित रखेंगे और दोनों पक्षों को लेकर कमेटी बनाकर इस पर चर्चा करेंगे। यह बात सरकार की ओर से कोई नई बात है। क्योंकि कोर्ट ने पहले ही इस कानून के पालन पर रोक लगा दिया है और स्वयं कोर्ट ने चार लोगों की कमेटी बनाई थी जो किसानों से चर्चा कर इस मामले को सुलझाने में मदद करता। लेकिन कमेटी के एक सदस्य भूपेंद्र सिंह मान ने स्वयं को कमेटी से अलग कर लिया, जिससे कमेटी का कोई महत्त्व नहीं रह जाता है। अब पुन: सरकार प्रयास कर रही है कि कानून को स्थगित रखकर और कमेटी बनाकर किसानों के आंदोलन को कमजोर किया जाए। यह केन्द्र सरकार की साजिश है, जबकि सरकार को किसानों के आंदोलन को समझते हुए यह कानून तत्काल रद्द किया जाना चाहिए।
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