1000 करोड़ के आईटीसी घोटाले में दो आरोपी गिरफ्तार, 258 करोड़ रुपए की कर चुके हैं टैक्स चोरी
इसके साथ अधिकारी ने यह भी आश्वासन दिया है कि आने वाले साल में नाम को पुन: जोड़ दिया जाएगा। इसके बाद विजय अपने धान का तौल कराकर अधिकारी के पास गया तो, उन्होने कहा कि योगेश के खाते में जैसे ही पैसा आएगा तो आपको पैसा मिल जाएगा। विजय ने पत्रिका को बताया, अपने आपको जिंदा साबित करने के लिए मैं 2 महीने से सोसायटी के चक्कर काट रहा हूं, अब पैसों के लिए चककर काटना पड़ेगा। इस मामले में पूर्व विधायक नवीन मारकण्डे ने कहा, किसानों की समस्या का निराकरण जल्द नहीं होगा तो हम किसानों को न्याय दिलाने के लिए उग्र प्रदर्शन करेंगे।आरंग विधानसभा क्षेत्र में कई मुसद्दीलाल
आरंग क्षेत्र के कई किसानों का धान अभी तक खरीदा नहीं गया है। वहीं, किसी का आधा खरीदा गया है, तो किसी का तयशुदा रकबे से कम। आरंग के मनोज लोधी ने बताया, मैंने पिछले वर्ष 36 क्विंटल धान सोसायटी में बेचा था, लेकिन इस बार 23 क्विंटल ही धान खरीदा गया। श्याम ने बताया, धान भी कम खरीदे हैं और सोसायटी से जो कर्जा लिया था, उसे भी पूरा काट लिया। मेरे पास अब पैसा भी नहीं है, मेरी लड़की कुछ दिन पहले आग में जली है। उसके इलाज के लिए मेरे पास पैसे नहीं हैं। अगर पूरा धान बिकता तो हमारा घर चलता। भागीरथी ने बताया, एक एकड़ 20 डिस्मिल खेत है, जिसमें से सोसायटी में केवल 3 क्विंटल धान ही बेचने को कहा है। मैंने पिछली बार 20 क्विंटल बेचा था। कमोबेश ऐसी ही कहानी आरंग के अन्य किसानों की भी है।
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आरंग सोसाइटी के समिति प्रबंधक संतोष साहू ने कहा, हमने दस्तावेज में मृत किसान विजय निषाद का धान खरीद लिया है। बाकी आगे इस प्रकार की त्रुटि नहीं होगी।सुलगते सवाल
– सरकारी दस्तावेज में मृत किसान को 2 महीने बाद भी राहत क्यों नहीं मिली?
– क्या दूसरे के टोकन पर किसी का धान खरीदा जा सकता है?
– बोनस की राशि विजय को मिलेगी या जिसके नाम पर टोकन है उसे?
– क्या किसी अधिकारी को दूसरे के टोकन पर धान खरीदी करने की इजाजत है?