पांडुका वन परिक्षेत्र में एक बार फिर घुसा दंतैल हाथी, वन विभाग ने ग्रामीणों को किया सतर्क
रायपुरPublished: Oct 08, 2023 04:14:42 pm
वन परिक्षेत्र पांडुका से लगे पैरी नदी का पार कर एक बार फिर एक नर दंतैल हाथी कुकदा व पोंड परिसर में घुस आया है। ये हाथी पहले भी यहां विचरण कर चुका है। हाथी के आमद से वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की भागदौड़बढ़ गई है। हालांकि हर बार की तरह वन विभाग परिक्षेत्र अधिकारी पांडुका ने मोबाइल व वाट्सएप ग्रुप सहित सोशल मीडिया के माध्यम से ग्रामीणों को सतर्क कर दिया है।


पांडुका वन परिक्षेत्र में एक बार फिर घुसा दंतैल हाथी, वन विभाग ने ग्रामीणों को किया सतर्क
पांडुका। वन परिक्षेत्र पांडुका से लगे पैरी नदी का पार कर एक बार फिर एक नर दंतैल हाथी कुकदा व पोंड परिसर में घुस आया है। ये हाथी पहले भी यहां विचरण कर चुका है। हाथी के आमद से वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की भागदौड़बढ़ गई है। हालांकि हर बार की तरह वन विभाग परिक्षेत्र अधिकारी पांडुका ने मोबाइल व वाट्सएप ग्रुप सहित सोशल मीडिया के माध्यम से ग्रामीणों को सतर्क कर दिया है। वर्तमान में हाथी कुगदा गांव की पक्की सडक़ से होते हुए पोंड, आसरा, घटकर्रा, नागझर, डीही गांव की ओर बढ़ रहा है।
इन दिनों धान की बालियां निकल चुकी हैं। अधिकतर खेतों में धान की बालियां पक रही हैं। ऐसे में कटाई के लिए तैयार फसल को एक बार फिर हाथी बर्बाद करेगा। मुआवजा वन विभाग से तो मिलता है पर उतना नहीं मिल पाता जितना नुकसान होता है। इस वजह से किसान मुआवजा के लिए आवेदन नहीं लिखते, बल्कि उससे ज्यादा फायदा तो उन्हें धान बेचने व बोनस मिलने से हो जाता है। फिलहाल हाथी केआने से विभाग अलर्ट मोड पर है।
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हाथी के दहशत की वजह से चिंगरापगार जलप्रपात से पर्यटक नदारद
विचरण के बाद से पर्यटकों का आना हुआ कम
चिंगरापगार जलप्रपात पूरे शबाब पर, फिर भी पर्यटक हैं नदारद
हाथी के विचरण के बाद से पर्यटकों का आना हुआ कम
गरियाबंद। चिंगरापगार जलप्रपात देखने लोग दूर-दूर से आते हैं। यहां मूवी, वेब सीरीज और गाने की शूटिंग भी होती है। हर वीकेंड के दिनो में हाल यह होता था कि गाडिय़ों की लाइन 3-3 किलोमीटर तक रहती थी। गाड़ी पार्किंग की जगह नहीं मिल पाती थी। सोशल मीडिया में इस झरने की इतनी तारीफ की गई कि अन्य राज्यों से भी पर्यटक इस जलप्रपात की खूबसूरती देखने बड़ी संख्या में आते थे। लेकिन, बीते दिनों हाथियों के बार-बार इस तरफ विचरण करने करने की वजह से पर्यटकों की सुरक्षा के लिए पर्यटन क्षेत्र को बंद कर दिया गया है। जिससे पर्यटकों को मायूस होकर वापस जाना पड़ता था।
आज की स्थिति में क्षेत्र में हाथियों की आमद नहीं है, लेकिन पर्यटक अब नहीं के बराबर आ रहे हैं। इस झरने की खासियत यह है कि 80 फीट ऊंचे पहाड़ से गिरता है। चारों ओर से पहाड़ों और जंगल से घिरे होने के कारण इसकी सुंदरता और भी बढ़ जाती है।
संसाधनों की कमी
लोगों का कहना है कि इतने खूबसूरत पर्यटन स्थल के प्रति शासन-प्रशासन सही-तरीके से ध्यान नहीं दे रहा है। कच्ची और सकरी सडक़ होने के कारण जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। रास्ते के नाले परं पुलिया नहीं होने के कारण पिछले दिनों बाढक़ी स्थिति निर्मित हो गई थी। जिससे हजारों पर्यटक फंस गए थे।
बाथरूम या चेंजिंग रूम नहीं
झरने में नहाने के बाद पर्यटक कपड़े बदंलने के लिए या तो पेड़-पौधे के पीछे छुपकर या अपनी गाड़ी का इस्तेमाल करते है। महिलाओं के लिए सुविधाजनक बाथरूम निर्माण किया जाना चाहिए। वहीं, प्रशासन द्वारा रायपुर से लेकर बारुका तक कहीं भी पर्यटन स्थल का दिशा निर्देश नहीं लगाने से पर्यटक भटक जाते हैं।